मुस्लिम नेताओं को कांग्रेस ने नहीं दिया भाव, फजीहत होने पर मांगनी पड़ी माफी
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मुस्लिम नेताओं को कांग्रेस ने नहीं दिया भाव, फजीहत होने पर मांगनी पड़ी माफी

Congress on Muslim: कांग्रेस ने हाल ही में 85वें अधिवेशन के लिए कई अखबारों को विज्ञापन दिया. इसमें मुस्लिम नेताओं और स्वत्रंता संग्रामियों के फोटो नहीं छापे गए. ऐसे में उसकी आलोचना हुई. इसके बाद कांग्रेस ने माफी मांगी है.

मुस्लिम नेताओं को कांग्रेस ने नहीं दिया भाव, फजीहत होने पर मांगनी पड़ी माफी

Congress on Muslim: यूं तो कांग्रेस अपने आपको मुस्लिम की चिंता करने वाली पार्टी कहती है. लेकिन कांग्रेस ने हाल ही में 85वें अधिवेशन के लिए एक विज्ञापन जारी किया. इसमें मौलाना आजाद अबुल कलाम आजाद समेत कई मुस्लिम नेताओं, मुस्लिम स्वतंत्रा सेनानियों की तस्वीरें नहीं थीं. 

विज्ञापन में मौलाना अबुल कलाम आजाद को छोड़ने और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को शामिल करने के के लिए कांग्रेस की खूब आलोचना हुई. इस पर कांग्रेस के जेनेरल सेक्रेट्री जयराम रमेश ने माफी मांगी है और कहा है कि इस पर कार्रवाई की जाएगी.

जयराम रमेश ने एक ट्वीट में लिखा कि "आज कांग्रेस द्वारा जारी एक विज्ञापन में मौलाना आज़ाद की तस्वीर नहीं ली गई. यह एक बड़ी भूल थी. इसकी जिम्मेदारी तय की जा रही है और कार्रवाई की जाएगी. हम इसके लिए क्षमा चाहते हैं. वह हमेशा हमारे और भारत के लिए एक प्रतिष्ठित और प्रेरक शख्सियत बने रहेंगे."

हाल ही में कांग्रेस ने कई न्यूजपेपर में एक विज्ञापन दिया जिसमें महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, बीमराव अंबेडकर, राजीव गांधी और पीवी नरसिंम्हा राव थे, लेकिन इसमें मुस्लिम नेताओं और स्वातंत्रता सेनानियों के फोटो गायब थे. 

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इस मामले पर कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक नेताओं ने भी आपत्ति जताई, तब पार्टी सांसद मनीष तिवारी ने मामले को गंभीरता से लिया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "कांग्रेस के पास मुस्लिम नेताओं का एक समूह है, जिन्होंने खास तौर से अपने समुदाय के भीतर विभाजनकारी प्रवृत्तियों के खिलाफ संघर्ष किया, पाकिस्तान का निर्माण होने के बावजूद खुद को भारत के साथ जोड़ा. लेकिन कोई है जो उनके योगदान को इतिहास से मिटाना चाहता है. 

इस मामले में पार्टी के संचार सचिव वैभव वालिया ने कुछ फोटो ट्वीट करते हुए कहा कि "“मौलाना आज़ाद और सभी स्वतंत्रता सेनानी कांग्रेस पार्टी और हमारी विचारधारा के मूल में हैं। 85वें पूर्ण अधिवेशन के मंच पर हमारे सम्मानित नेता मौलाना आज़ाद की एक तस्वीर बहुत कुछ कहती है!” 

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने विज्ञापन में नरसिम्हा राव की फोटो को शामिल किए जाने के बारे में सवाल पूछा और कहा कि "पीवी नरसिम्हा राव को शामिल करना कांग्रेस पार्टी की "धर्मनिरपेक्षता" के बारे में वह सब कुछ बताता है जो हमें जानना चाहते हैं. प्रधान मंत्री के रूप में, नरसिम्हा राव ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इसे माफ या भुलाया नहीं जाना चाहिए"

इल्जाम है कि जब नरसिम्हा राव प्रधान मंत्री थे तब 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस को रोकने के लिए उन्होंने पर्याप्त कदम नहीं उठाए. इसके लिए आलोचना की गई थी.

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