अक्सर सार्वजनिक स्थानों पर कपल्स के चुंबन को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं, और इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताकर इसकी आलोचना की जाती रही है; आइये, जानते हैं क्या कहता है कानून?
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नई दिल्लीः रमेश कुछ माह पहले गांव से शहर आया है. वह दिल्ली के एक कॉलेज से एमबीए की पढ़ाई कर रहा है. महीने भर पहले वह अपनी दोस्त शीतल का हाथ थामे दिल्ली के एक पार्क में घूम रहा था. दोनों थककर एक पेड़ के पास बने बेंच पर बैठ गए और इसी बीच रमेश ने प्यार से शीतल को किस कर लिया. रमेश का शीतल को किस करना उस पार्क में कोई अभूतपूर्व घटना नहीं थी, वहां बैठे कई और कपल्स ऐसा कर रहे थे. लेकिन वहां घूम रहे चार लड़कों के ग्रुप ने रमेश को ऐसा करने के लिए पकड़ लिया और उसे पुलिस में कंपलेन करने के लिए धमकाने लगे.
क्या ऐसा करने से अश्लीलता की श्रेणी में आएगा
ये समस्या अकेले रमेश या शीतल की नहीं है. आए दिन पार्कों में कपल्स को कभी धर्म के संस्कारी गुंडों तो कभी किसी पुलिसवाले के ऐसे ही हस्तक्षेप का शिकार होना पड़ता है. कपल्स के दिमाग में ऐसे कई सवाल पैदा होते हैं कि क्या पार्क में किसी के साथ घूमना, बैठना या सार्वजनिक तौर बस अड्डे, मेट्रो स्टेशन, रेलेवे स्टेशन या फिर पार्क में किसी को किस करना क्या कोई अपराध की श्रेणी में आता है ? क्या ऐसा करने से अश्लीलता की श्रेणी में आएगा ? और अगर ऐसा है तो इसके लिए क्या कानूनी प्रावधान है. इसके लिए कौन-सी सजा मुकरर्र है?
ये एक जमानती और संज्ञेय अपराध है
इस मुद्दे पर दिल्ली साकेत कोर्ट के अधिवक्ता नियाज अहमद खान कहते हैं, आईपीसी की धारा- 294 के तहत किसी भी पब्लिक प्लेस पर ऑब्सीन एक्ट यानी अश्लील हरकत करना कानूनी तौर पर जुर्म है. इसके लिए अपराध साबित होने पर दोषी व्यक्ति को तीन महीने तक की सजा या जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जा सकती है. हालांकि ये एक जमानती और संज्ञेय अपराध है इसमें आरोपी को जमानत मिल जाती है.
क्या है अश्लीलता की परिभाषा
भारतीय दंड सहिंता 294 में अश्लीलता को परिभाषित नहीं किया गया है. इसमें बस इतना कहा गया है कि अगर कोई किसी सार्वजनिक स्थान पर अश्लील गानें, अश्लील बातें, अश्लील इशारे या ऐसी कोई अश्लील हरकत करेगा जो सामाजिक मर्यादाओं के खिलाफ होगा, तो इसे अपराध माना जाएगा. चुंबन को लेकर यहां कोई स्पष्ट व्याख्या नहीं है. एक पिता या मां का अपने पुत्र-पुत्री को किस करना यहां अपराध नहीं है. लेकिन पब्लिक प्लेस पर पति को पत्नी को किस करना या एक गैर-शादीशुदा कपल्स का एक दूसरे को किस करना तबतक अपराध नहीं माना जाएगा जब तक वह सामाजिक मान्यताओं और मर्यादाओं की सीमा न लांघता हो. इसे अपराध होने या न होने का आधार वहां का परिवेश और उस समाज विशेष का नजरिया होगा. अगर किसी को सार्वजनिक चुंबन से आपत्ति हो तो वह इसे कोर्ट में चुनोती दे सकता है. हालांकि ऐसे कई मामलों में उच्च न्यायालयों ने इसे अनुच्छेद 19, 1 के तहत अभिव्यक्ति की आजादी की श्रेणी में रखा है.
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