Story of Prophets: कैदियों के ख्वाब, उनकी ताबीर और हजरत यूसुफ की कैद से रिहाई
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Story of Prophets: कैदियों के ख्वाब, उनकी ताबीर और हजरत यूसुफ की कैद से रिहाई

Story of Prophets: हम अपनी सीरीज 'Story of Prophets' में सिलसिलेवार हज़रत यूसुफ अलैहिस्सलाम (Hazrat Yusuf Alaihis salam) की ज़िदंगी से जुड़े वाक्यात से रूबरू करा रहे हैं. ये इस सीरीज का पांचवा भाग है.

Story of Prophets: कैदियों के ख्वाब, उनकी ताबीर और हजरत यूसुफ की कैद से रिहाई

Story of Prophets: हम पिछले भाग में हज़रत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम की ज़िंदगी से जुड़े कई दिसचस्प वाक्यों से आपको रूबरू करा चुके हैं.

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जैसा कि हम पिछले पार्ट में बता चुके हैं कि जुलेखा ने हज़रत युसूफ अलैहिस्सलाम पर पदकारी का इलज़ाम लगा कर उन्हें कैदखाने तक पहुंचा दिया था. इसी कैद ने हज़रत युसूफ अलैहिस्सलाम को अज़ीज़े मिस्र के मज़ीद करीब होने के मवाके फराहम कर दिए. कैद-खाने के दौरान आप कैदियों की खबरगीरी करते और उनसे प्यार व मोहब्बत से पेश आते. हज़रत यूसुफ से अख्लाक और सीरत से वहां के कैदी बहुत मुतासिर हुए और उनमें वह बहुत जल्द मशहूर हो गए.

कैदियों के ख्वाब और उनकी ताबीर
इस दौरान हजरत यूसुफ अपने साथी कैदियों को उनके ख्वाबों की ताबीर बताते और ये सारी ताबीर सच साबित होती. तभी मिस्र के बादशाह ने एक ख्वाब देखा कि सात तंदरुस्त गायों को सात दुबली गाएं खा रहीं हैं और धान की सात हरी बालियां है और सात सूखी बालियां हैं.' बादशाह परेशान हो गया और ख्वाब की ताबीर जाननी चाही, मगर कोई नहीं बता सका तो बादशाह के एक साकी ने जो कि कैद में रह चुका था, उसने इसकी ताबीर जानने के लिए कैदखाने में जाने की इजाजत मांगी और फिर युसूफ अलैहिस्सलाम से मिलकर बादशाह के इस ख्वाब ताबीर जाननी चाही, तो आपने बताया कि राज्य में सात खेती से जो अनाज होगा उसे जमा करो, क्योंकि उसके बाद सात सालों तक सूखा पड़ेगा और धान नहीं हो पाएगी, तब ये जमा की हुई धान काम आएगी. इसके बाद फिर हरियाली होगी.

हजरत यूसुफ की कैद से रिहाई
बादशाह को जब उस कासिद ने ये सब बात बताई तो बादशाह ने उन्हें कैदखाने से बाहर लाने का हुक्म दिया, मगर आपने जवाब दिया कि वो तब तक कैदखाने से बाहर नहीं आएंगे, जब तक उनकी बेगुनाही सामने नहीं आ जाएगी, तब बादशाह ने सारी बातों की तस्दीक करवाई तो जुलेखा ने भी अपना जुर्म कुबूल कर लिया और गवाही दी की युसूफ अलैहिस्सलाम बेकसूर हैं, तब बादशाह ने उन्हें कैदखाने से बुलवाया और उनसे इतना ज्यादा मुतास्सिर खुश हुआ कि उसने आपसे कहा- आप जो चाहे ओहदा लें, मगर इसी महल में रहें. तब आपने बादशाह के खजाने से तकसीम किये जाने वाले गल्ले का इन्तेजाम संभाल लिया और फिर बादशाह ने हुकूमत और उसके सारे इन्तेजामात ही उनके हवाले कर दिए. उनके ख्वाब के मुताबिक ही सात सालों की हरियाली के बाद सात साल सूखा पड़ा और अनाज की फरोख्त करने लोग दूर-दूर से आने लगे.

(नोट: हम इस वाक्ये को सिलसिलेवार बयान कर रहे हैं. अब आगे की कहानी दूसरे भाग में बताई जाएगी. इस पूरे किस्से को बढ़ने के लिए हमसे जुड़े रहें.)

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