बाबरी मस्जिद मामला: 5 प्वाइंट्स में समझिए CBI के जज ने क्या सुनाया फैसला
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बाबरी मस्जिद मामला: 5 प्वाइंट्स में समझिए CBI के जज ने क्या सुनाया फैसला

वहीं अदालत से फैसला आने के बाद समाजी और सियासी लीडरान ने मुख्तलिफ़ रद्दे अमल का इज़हार किया , कुछ ने इस फैसले का इस्तक़बाल किया है तो कुछ ने फैसल पर तनकीद की है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को बाबरी इन्हेदाम मामले में सीबीआई की खुसूसी अदालत ने 28 साल बाद आज फैसला सुनाया. इस मामले में बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के साबिक वज़ीरे आला कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 मुल्ज़िमीन को बरी कर दिया है. 

फैसला सुनाते हुए जज ने पांच अहम बातें
- बाबरी मस्जिद इन्हेदाम पहले से मंसूबाबंद (पूर्वनियोजित) वाक़्या नहीं था.
- मामले में मुल्ज़िमों के खिलाफ सबूत ठोस और काफी नहीं हैं.
- सीबीआई की जानिब से मुहैया कराए गए ऑडियो-वीडियो टेप की ऑथेंटिसिटी साबित नहीं हो सकी.
- जो लोग मस्जिद के गुंबद पर चढ़े थे, वे सभी शरपसंद अनासिर () थे.
- तक़रीर का ऑडियो क्लिप क्लिय़र नहीं है.

वहीं अदालत से फैसला आने के बाद समाजी और सियासी लीडरान ने मुख्तलिफ़ रद्दे अमल का इज़हार किया , कुछ ने इस फैसले का इस्तक़बाल किया है तो कुछ ने फैसल पर तनकीद की है. बाबरी इन्हेदाम मामले में इकबाल अंसारी का कहना है कि कोर्ट ने मुल्ज़िमीन को बरी कर दिया है ये अच्छी बात है, हम इसका एहतेराम करते हैं.

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