संविधान दिवस पर PM मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना, बोले- पारिवारिक पार्टियां देश के लिए चिंता का विषय
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संविधान दिवस पर PM मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना, बोले- पारिवारिक पार्टियां देश के लिए चिंता का विषय

Constitution Day: आज संविधान दिवस है. 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को मंज़ूरी दी थी.

संविधान दिवस पर PM मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना, बोले- पारिवारिक पार्टियां देश के लिए चिंता का विषय

नई दिल्ली: संविधान दिवस के मौके पर आज नई दिल्ली में सरकार ने कार्यक्रम आयोजित किए हैं. संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और वज़ीरे आज़म मोदी समेत बीजेपी के कई सीनियर तेनाओं ने शिर्कत की. इस मौके परे पीएम मोदी ने खिताब किया. आईए जानते हैं उनके खिताब की चंद अहम और ज़रूरी बातें.

जानिए पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या क्या कहा?

  • आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे लिए आवश्यक है कि कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ें ताकि अधिकारों की रक्षा हो.
  • महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में आधिकारों को लिए लड़ते हुए भी, कर्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी. अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होता.
  • संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं.
  • जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं.
  • योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग जाएं, इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है. लेकिन एक पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति में है.
  • भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वो है पारिवारिक पार्टियां
  • हमारा संविधान ये सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है.
  • बाबासाहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती थी, हम सबको लगा इससे बड़ा पवित्र अवसर क्या हो सकता है कि बाबासाहेब अम्बेडकर ने जो इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें.
  • इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन करने के लिए मनाना चाहिए.
  • हमारा संविधान ये सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है: PM 
  • इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन करने के लिए मनाना चाहिए.
  • आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया. भारत के अनेक वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते-लेते अपने आप को समर्पित कर दिया. मैं आज 26/11 को उन सभी बलिदानियों को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं.
  • आज का दिवस बाबासाहेब अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद जैसे दुरंदेशी महानुभावों का नमन करने का है. आज का दिवस इस सदन को प्रणाम करने का है.

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