बिहार में नीतीश कुमार की छवि को बेनकाब कर उन्हें सबक सिखाने के लिए भाजपा ने अपनी नई रणनीति के तहत छोटे-छोटे दलों को अपने पाले में करने की अभी से कोशिश करनी शुरू कर दी है.
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नई दिल्लीः किसी जमाने में जॉर्ज फनार्डीस और नीतीश कुमार के साथ मिलकर लालू की सरकार पर जंगलराज का इल्जाम लगाकर आंदोलन छेड़ने वाली भाजपा ने अब बिहार में अपने पुराने सहयोगी नीतीश कुमार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. इन्हीं आरोपों में अब वह नीतीश को घसीट रही है. पार्टी सूत्रों की माने तो भाजपा अपनी नई रणनीति के तहत पूरे प्रदेश में नीतीश कुमार की छवि को बेनकाब कर उन्हे सबक सिखाने के लिए कमर कस चुकी है, ताकि अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में नीतीश को धूल चटाया जा सके.
नीतीश के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद
इसी रणनीति के तहत नीतीश कुमार को सुशासन बाबू का खिताब देने वाली भाजपा अब खुद उन्हें कुशासन बाबू साबित कर यह इल्जाम लगा रही है कि नीतीश ने मुख्यमंत्री बने रहने के लिए जंगलराज के प्रतीक लालू यादव से हाथ मिलाकर बिहार की अवाम को धोखा दिया है. यही वजह है कि भाजपा के नेता जहां बार-बार नीतीश कुमार की छवि पर चोट कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वह प्रदेश के मतदाताओं को लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं.
नीतीश के खिलाफ अमित शाह ने खुद संभाला मोर्चा
पार्टी सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार के खिलाफ भाजपा की इस नई रणनीति की कमान पार्टी के सबसे कुशल रणनीतिकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद संभालते नजर आ रहे हैं. हाल ही में अपने बिहार दौरे के दौरान अमित शाह ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा था कि उन्होंने अपने जीवन में इतना झूठ बोलकर दल-बदल करने वाला व्यक्ति नहीं देखा है. उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार ने भाजपा को दो बार धोखा दिया है, लेकिन वे तीसरी बार धोखा नहीं देंगे, क्योंकि अब नीतीश कुमार के लिए भाजपा के सारे दरवाजे बंद हैं. शाह ने कहा कि पहले भाजपा ने नीतीश कुमार के साथ मिलकर लालू के जंगलराज के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, आज नीतीश कुमार के खिलाफ बिहार से जंगलराज को निकालने के लिए लड़ाई लड़ेंगे और लालू-नीतीश की सरकार को बिहार से उखाड़ फेंकेंगे.’’
नीतीश को हर 3 साल में प्रधानमंत्री बनने का सपना आता है
शाह ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार को हर तीन साल में प्रधानमंत्री बनने का सपना आता है और प्रधानमंत्री बनने की लालच में नीतीश कुमार बिहार की जनता के साथ विश्वासघात करते हुए लालू यादव की गोदी में जाकर बैठ गए हैं. सत्ता की लालसा में नीतीश कुमार विकासवादी से अवसरवादी बन गए हैं. नीतीश कुमार पर लालू यादव के साथ गुप्त समझौता करने का इल्जाम लगाते हुए शाह ने कहा कि नीतीश कुमार ने लालू यादव के बेटे को मुख्यमंत्री बनाने का समझौता किया है, लेकिन वे तारीख नहीं बता रहे हैं, क्योंकि उन्हें लालू यादव को भी धोखा देना है.
लोक सभा चुनाव में नीतीश को हराने की मुहिम
गौरतलब है कि बिहार को लेकर भाजपा ने अपनी रणनीति बिल्कुल साफ कर दी है. एक तरफ जहां भाजपा नीतीश कुमार के समर्थक मिडिल क्लास को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है तो वहीं, दूसरी तरफ नीतीश-लालू गठबंधन से नाराज नेताओं और मतदाताओं को भी साधने की कोशिश कर रही है. भाजपा इस बार बिहार में छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन कर एनडीए के जनाधार को बढ़ाने की कोशिश कर रही है, ताकि नीतीश लालू गठबंधन को लोक सभा चुनाव में हराया जा सके.
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