Bihar News: एक बार फिर बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के मामले आने शुरू हो गए हैं. पिछली बार 2019 में इस समस्या से 176 लोगों की मौत हुई थी. पढ़ें खबर
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Bihar News: बिहार में गर्मी का प्रकोप बढ़ने के साथ-साथ एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) का प्रकोप भी बढ़ने लगा है. मुजफ्फरपुर जिले से कई मामले सामने आए हैं. बीते चार दिनों में जिले 5 बच्चों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की पुष्टि हुई है. सभी को मुजफ्फरपुक के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है. आपको बता दें ये पहली बार नहीं है कि बिहार में ऐले मामले सामने आए हों. 2019 इस बीमरी से 176 मौत हुई थीं.
एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ दीपक कुमार ने बताया है कि हमारे यहां इस समस्या से पीड़ित 36 मरीज भर्ती हुए हैं. जिनमें से 35 को डिस्चार्ज कर दिया गया है. उनहोंने जानकारी दी कि पांच जून से आठ जून तक मुजफ्फरपुर जिला के तीन शिवहर जिले का एक और एक बच्चा सीतामढ़ी जिले का एसकेएमसीएच में भर्ती हुआ.
आपको जानकारी के लिए बता दें बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाकों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) को रोक ने के लिए जागरुक्ता अभियान चलाया जा रहा है. डॉक्टर्स का कहना है कि तपती धूप में बच्चों को बाहर खेलने नहीं देना चाहिए. उन्हें रात को खाली पेट नहीं सोने देना चाहिए. अगर किसी बच्चे को तेज बुखार आता है तो उससे तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराएं.
आपको जानकारी के लिए बता दें एक्यूट एंसेफेलाइटिस सिंड्रोम एक तरह का इन्फेक्शन है जो दिमाग में होता है. ये किसी पतंगे काटने से भी हो सकता है. ये ज्यादातर बच्चों को होता है. जिसमें बुखार, शरीर में अकडन, मासपेशियों में दर्द, कमजोरी और थकान महसूस होती है. कुछ ही मामलों में इसमें मौते होती हैं. जिन बच्चों को वक्त पर सही इलाज नहीं मिल पाता है. उनको काफी समस्या का सामना करना पड़ता है.