हिल रहा है सुशासन बाबू का आसन, NDA में बरकरार रहेगा जलवा जलाल?
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हिल रहा है सुशासन बाबू का आसन, NDA में बरकरार रहेगा जलवा जलाल?

साल 2015 के चुनावों में नीतीश कुमार ने जहां 101 सीटों में से 71 सीटों पर जीत हासिल की थी वहीं 2020 में 115 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद सिर्फ 50 के करीब सीटों पर ही आगे चल रही है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: बिहार असेंबली चुनावों को नतीजों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जादू कम होता दिखाई दे रहा है. साल 2015 के चुनावों में नीतीश कुमार ने जहां 101 सीटों में से 71 सीटों पर जीत हासिल की थी वहीं 2020 में 115 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद सिर्फ 50 के करीब सीटों पर ही आगे चल रही है. 

अब तक आए रुझानों में NDA ने महागठबंधन पर अच्छी खासी बढ़त बनाई हुई है और बहुमत के आंकड़े से बहुत आगे निकल गया है. फिलहाल एनडीए 132 के करीब सीटों पर आगे चल रहा है, वहीं महागठबंधन 100 के करीब सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.

एनडीए में पार्टियों की बात करें तो भाजपा ने साल 2015 के चुनावों में खोई अपनी ज़मीन को हासिल किया है. वहीं पिछले चुनावों में महागठबंधन का हिस्सा रहे नीतीश कुमार को नुकसान का जादू इस साल चलती दिखाई नहीं दिया. 

बता दें कि 2015 के चुनावों जनता दल यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, जनता दल, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, इंडियन नेशनल लोक दल वगैरा पार्टियां ने महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था. जिसके नतीजों आरजेडी 80 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. इसके बाद जदयू को 71 सीटें और भाजपा को 53 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस को भी 27 सीटें मिली थीं.

इन चुनाव में महागठबंधन की सरकार बनी और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री व तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था हालांकि, 2017 में जेडीयू महागठबंधन से अलग हो गई और नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई

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