इन सबके खिलाफ IPC की दफा 12OB,147,149,153A, 153B और 505(1) को तहत मुकदमा चला. कल्याण सिंह के गवर्नर के ओहदे से हटने के बाद 17 सितंबर 2019 को उन पर भी यही तमाम दफआत (Acts) लगाई गईं.
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नई दिल्ली/इमरान खान: 6 दिसंबर 1992 को बाबरी इन्हेदाम मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट 30 सितंबर यानी कल अपना फैसला सुनाएगी. बाबरी इन्हेदाम मामले में 49 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. इनमे से 17 मुल्ज़िमिन का इंतक़ाल हो चुका है. दीगर 32 मुल्ज़िमिन में लालकृष्ण आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी,विनय कटियार, विष्णु हरि डालमिया पर दफा 120 बी के तहत वारदात की साजिश रचने का इल्ज़ाम है.
इन सबके खिलाफ IPC की दफा 12OB,147,149,153A, 153B और 505(1) को तहत मुकदमा चला. कल्याण सिंह के गवर्नर के ओहदे से हटने के बाद 17 सितंबर 2019 को उन पर भी यही तमाम दफआत (Acts) लगाई गईं. अदालत तय करेगी कि अयोध्या में मुतनाज़ा ढांचा साज़िश के तहत गिराया गया था या कारसेवकों ने गुस्से में इसे तोड़ा. अगर इन लीडरान पर इल्ज़ाम साबित हो जाते हैं तो इन्हें दो साल से लेकर 5 साल तक की सज़ा हो सकती है.
इस मामले में महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास और डॉ. सतीश प्रधान पर भी आईपीसी की धारा 147, 149, 153ए, 153बी, 295, 295ए व 505 (1) B के साथ ही दफा 120 B के तहत इल्ज़ाम हैं. इस तरह 49 में से कुल 32 मुल्ज़िमों के मुकदमे की कार्यवाई शुरू हुई,दीगर 17 मुल्ज़िमान की मौत हो चुकी है.
गौरतलब है कि 1992 में बाबरी इन्हेदाम के बाद मुल्क के कई हिस्सों में फिर्क़ावाराना फसादात हुये थे. जिसमें हज़ारों लोगों की जान चली गई थी और करोड़ों की जायदाद का नुक़सान हुआ था. उस वक्त मरकज़ में कांग्रेस की क़यादत वाली नरसिम्हाराव सरकार थी.
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