हाल ही मे एक और वायरस फैलने की बात सामने आ रही है. ये वायरस जंगली पोलियो वायरस के नाम से जाना जाता है. चलिए आपको डिटेल में इस वायरस के बारे में बताते हैं.
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चंडीगढ़-आजकल वायरस का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर का माहौल बन जाता हैं. कोरोना वायरस का खतरा अभी पूरी तरह से टला भी नहीं था की उसके बाद न जाने कितने अलग-अलग तरह के वायरस ने दस्तक दे दी.
हाल ही मे एक और वायरस फैलने की बात सामने आ रही है. ये वायरस जंगली पोलियो वायरस के नाम से जाना जाता है. चलिए आपको डिटेल में इस वायरस के बारे में बताते हैं.
क्या है पोलियो ?
पोलियो एक ऐसी बीमारी है जो मल द्वारा मौखिक संदूषण से फैलती है. जब कुछ संक्रमित लोग शौच के बाद अपने हाथ अच्छी तरह से नहीं धोते हैं, तो वे इस बीमारी को दूसरों तक भी फैला सकते हैं. यहां तक की संक्रमित मल से दूषित भोजन खाने से या पानी पीने से भी लोग संक्रमित हो सकते हैं.
Type -1 का ये पहला मामला ?
ऐसी खतरनाक बीमारी जो बच्चों मे लकवा पैदा करने से लेकर उन्हे अजीवन अपंग तक बना सकती है . ऐसे रोग ने हाल ही मे मोजाम्बिक मे दस्तक दी है. बताया जा रहा की तीन दशकों मे जंगली पोलियो वायरस Type -1 का ये पहला मामला है.
WHO के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मात्शिदिसो मोएती के अनुसार अगर इस बिमारी को समय रहते नहीं रोका गया,तो हालात बद से बदतर होने की उम्मीद है.
पोलियो वायरस मामले की पहचान मोजाम्बिक में उत्तर-पूर्वी टेटे प्रांत में हुई थी. संक्रमित बच्चे की तबीयत मार्च के अंत में काफी बिगड़ने लगी थी. जानकारी के अनुसार, पोलियो वायरस के ईस नई strain का मामला 2019 में पाकिस्तान में आए एक मामले से जुड़ा था.
वैसे तो 2020 मे WHO ने अफ्रीका को पोलियो वायरस मुक्त घोषित कर दिया है, लेकिन हाल ही मे आए इस मामले की वजह से स्थिति थोड़ी गंभीर हो गई है.
भारत में पोलियो के मामले
जनवरी 2014 में भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया गया था. वहीं, देश में जंगली पोलियो वायरस के कारण अंतिम मामला 13 जनवरी, 2011 में पाया गया था. डब्ल्यूएचओ ने 24 फरवरी, 2012 को भारत को सक्रिय स्थानिक जंगली पोलियो वायरस संचरण वाले देशों की सूची से हटा दिया.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी अलग-अलग रिपोर्ट पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. ZEE MEDIA इसकी पुष्टि नहीं करता है.)