Himachal Pradesh में बने स्टील के फुटब्रिज का क्यों नहीं किया जा सकता है उपयोग?
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Himachal Pradesh में बने स्टील के फुटब्रिज का क्यों नहीं किया जा सकता है उपयोग?

Steel foot bridge: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में बढ़ती ट्रैफिक की समस्या से निजात पाने के लिए स्टील का फुटब्रिज बनाया गया है, जिसका उपयोग आज तक किसी ने नहीं किया. ऐसे में अब इस पर लगे पैसे को फिजूल खर्ची बताया जा रहा है. 

 

Himachal Pradesh में बने स्टील के फुटब्रिज का क्यों नहीं किया जा सकता है उपयोग?

विपन कुमार/धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की स्मार्ट सिटी धर्मशाला में बढ़ती ट्रैफिक की समस्या से सीनियर सिटीजन और बच्चों को सहूलियत देने का प्रयास किया जा रहा है. इसी उद्देश्य से जिलाधीश कार्यालय के बाहर लगभग 55 लाख की लागत से फुट ब्रिज का निर्माण किया गया, लेकिन इसका इस्तेमाल कभी किसी ने नहीं किया. धर्मशाला शहर में जनता के पैसे का दुरुपयोग और फिजूलखर्ची का इससे बड़ा उदाहरण देखने को नहीं मिल सकता.

3 साल पहले पूरा हुआ था फुटब्रिज का निर्माण
बता दें, इस फुट ब्रिज पर एमपी लैंड का पैसा खर्च किया गया है. स्टील का बना यह फुटब्रिज लगभग 3 साल पहले पूरा हो गया था, लेकिन सबसे खास बात यह है कि इस पुल का एक छोर लोक निर्माण विभाग के आवासीय परिसर के भीतर बनाया गया है जो दीवार से बंद है. ऐसे में लोग इस फुटब्रिज का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. इस पर सांसद किशन कपूर और कई जनप्रतिनिधि पहले ही सवाल खड़े कर चुके हैं.

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स्टील फुट ब्रिज के निर्माण पर जताई थी आपत्ति
धर्मशाला नगर निगम के पूर्व मेयर एवं पार्षद देवेंद्र जग्गी ने कहा कि निगम ने स्टील फुट ब्रिज के निर्माण पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी. सड़क के जिस छोर पर फुट ब्रिज बनाया गया है वह स्थान ही सही नहीं है. इसके अलावा फुटब्रिज का डिजाइन भी ऐसा किया गया था कि सीनियर सिटीजन और बच्चे इसका प्रयोग नहीं कर सकते, क्योंकि यह सीधी बनाई गई है.

जवाब देने से बचते नजर आए अधिकारी
इसके अलावा जहां इसका निर्माण किया गया है. वहां स्मार्ट रोड का निर्माण भी प्रस्तावित है. देवेंद्र जग्गी ने कहा कि फुटब्रिज का कभी भी उपयोग नहीं किया गया, क्योंकि इसका एक सिरा चारदीवारी के भीतर है, जहां तक पैदल यात्री नहीं जाती. इस विषय को लेकर जब अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो वह इस पर बोलने से बचते हुए नजर आए.

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