पिंगलवाड़ा के सोहणा और मोहणा ने जिम्मेदार नागरिक के तौर पर अपना फर्ज निभाया. सोहणा और मोहणा ने पहली बार वोट डाला और उन्हें 'पहला मतदाता प्रशंसा पत्र' भी दिया गया.
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चंडीगढ़- पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है. राज्य के 117 विधानसभा क्षेत्रों में सुबह आठ बजे मतदान शुरू हो गया है. चुनाव को लेकर लोगों में जबरदस्त जोश है.रविवार सुबह से ही पोलिंग बूथों पर वोट डालने के लिए लोगों की कतारें लगनी शुरू हो गई थी.
वोटिंग के दौरान की कुछ दिलचस्प तस्वीरें सामने आ रही हैं. इस बीच सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र अमृतसर के सोहणा और मोहणा (Sohna and Mohna) रहे, जो अपना वोट डालने के लिए अमृतसर पहुंचे. आपस में जुड़े दोनों भाई आज रविवार को मानावाला में मतदान के लिए पहुंचे.
पिंगलवाड़ा के सोहणा और मोहणा ने जिम्मेदार नागरिक के तौर पर अपना फर्ज निभाया. सोहणा और मोहणा ने पहली बार वोट डाला और उन्हें 'पहला मतदाता प्रशंसा पत्र' भी दिया गया.
Conjoined twins, Sohna and Mohna, cast their votes at polling booth no.101 in Manawala, Amritsar. #PunjabElections pic.twitter.com/qx2pxuJ2N9
— ANI (@ANI) February 20, 2022
सोहना-मोहना को मतदान केंद्र तक लाने के लिए अमृतसर जिला प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे.अमृतसर में उन्होंने अपनी वोट मानावाला सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 101 नंबर बूथ में डाली. पिछले साल सोहना-मोहना 18 साल के हुए थे और इस बार वह पहली बार वोट डालने के लिए पहुंचे.
सोहणा और मोहणा के लिए किए खास इंतजाम
सोहणा और मोहणा के वोट डालने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से खास इंतजाम किए गए थे. उनके लिए स्पेशल गाड़ी भेजी गई. डीसी अमृतसर भी उनके स्वागत और सर्टिफिकेट देने के लिए पहुंचे थे.
जब सोहणा ने वोट डाला तो मोहणा की आंख पर स्पेशल ऐनक डाली गई, वहीं जब मोहणा ने वोट डाला तो सोहणा की आंख में ऐनक डाली गई, ताकि दोनों के बीच सीक्रेसी का अधिकार बना रहे.
दोनों के लिए अलग-अलग पहचा पत्र जारी किए गए. खास बात है कि दोनों के बीच मतदान की गोपनीयता बनी रहे, इसके लिए विशेष चश्मे का भी इंतजाम किया गया.
सोहणा और मोहणा की कहानी...
सोहना मोहना जुड़वां बच्चों का जन्म 14 जून 2003 को नई दिल्ली के सुचेता कृपलानी अस्पताल में हुआ था. दोनों का निचला हिस्सा एक जैसा है, जबकि ऊपर का हिस्सा अलग है. जन्म के बाद उन्हें उनके माता-पिता ने छोड़ दिया था.
दिल्ली के एम्स में दोनों भाइयों को अलग करने के लिए एक ऑपरेशन करने की सोची, लेकिन जान को खतरा होने के कारण ऑपरेशन नहीं किया गया था. डॉक्टरों ने उन्हें अमृतसर के पिंगलवाड़ा चैरिटेबल ट्रस्ट रेफर कर दिया, जहां उनका नाम सोहणा और मोहणा रखा गया.