Khalistan News: दिल्ली में एक अफगान सिख द्वारा विदेश मंत्री जयशंकर के दिल्ली में एक गुरुद्वारे की यात्रा से पहले मीडिया से बातचीत की गई.
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Afghanistan Sikh on Khalistan News: जहां पंजाब में पिछले कुछ महीनों से, ख़ास तौर पर जबसे अमृतपाल सिंह का मुद्दा सामने आया था, तबसे खालिस्तान को लेकर काफी सवाल जवाब किए जा रहे हैं. अब कुछ सिख ऐसे होते हैं जो कहते हैं उन्हें खालिस्तान नहीं चाहिए तो कुछ खालिस्तान के बिलकुल हक़ में हैं. ऐसे में अफ़ग़ानिस्तान से आए एक सिख ने कहा, "उनका खालिस्तान से कोई लेना देना नहीं है."
दिल्ली में एक अफगान सिख द्वारा विदेश मंत्री जयशंकर के दिल्ली में एक गुरुद्वारे की यात्रा से पहले मीडिया से बातचीत की गई. उन्होंने कहा कि उनका खालिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत सरकार अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब को वापस लाई जिसके लिए वह उनके आभारी हैं.
उन्होंने कहा, "सर देखो हम उस इशू में नहीं जाएगें. हमारा उससे कोई लेना देना नहीं है. हमारे साथ जो भारत सरकार ने मदद की है, अफगानिस्तान से जो हमारे लोग फसे हुए थे, उनको यहां भारत में लेकर आएं हैं, जो सबसे बड़ी बात है. जिसको हम पूजते हैं, माथा टेकते हैं, गुरुग्रंथ साहिब को, वो उसे लेकर आएं हैं. मान सम्मान से लेकर आए हैं तो हमारे लिए तो सारा खालसा है. जहां निशान साहिब लगेगा वहां खालसा है."
We have nothing to with Khalistan..Indian Govt brought back Guru Granth Sahib from Afghanistan, we are grateful to them, Afghan Sikh in Delhi ahead of EAM Jaishankar's visit to a Gurudwara in Delhi pic.twitter.com/y5UPTFi8Gi
— Sidhant Sibal (@sidhant) June 8, 2023
इतना ही नहीं उन्होंने कहा, "जो हमारा इशू है, नॅशनलिटी का है, वीजा का है और जो हमारी प्रॉब्लम है, उनका समाधान किया जाए. उसी की हम मांग करते हैं. अब जयशंकर जी भी आ रहे हैं.उसके लिए भी हम धन्यवाद करते हैं और यहां गुरुद्वारा माथा टेकने के लिए आ रहे हैं. मगर हम मांग रख रहे हैं, मजूबरी है हमारी मांग रखना. इसके लिए हम चाहते हैं हमारी नॅशनलिटी है, हमारा जो काम पेंडिंग है, वो भारत सरकार जल्द से जल्द करवाए।"
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इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने अफगानिस्तान के सिखों से मुलाकात के बाद "मैं अफगानिस्तान से भारत आए सिखों से मिलना चाहता था और उनके मुद्दों को समझना चाहता था. उन्हें वीजा और नागरिकता को लेकर कुछ दिक्कतें हैं. हम उन मुद्दों का समाधान करेंगे जिन पर उन्होंने हमारे साथ चर्चा की है. कुछ लोग अभी भी अपनी नागरिकता पाने का इंतजार कर रहे हैं. नागरिकता और वीजा को लेकर हम हर संभव मदद मुहैया कराएंगे. उनकी मदद करना हमारी जिम्मेदारी है."
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