World Cancer Day : सोनीपत की गौरी ने डॉक्टर से कहा-मुझे मरना नहीं है और फिर 4 साल में ब्रेन कैंसर से इस तरह जीत ली जंग
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World Cancer Day : सोनीपत की गौरी ने डॉक्टर से कहा-मुझे मरना नहीं है और फिर 4 साल में ब्रेन कैंसर से इस तरह जीत ली जंग

World Cancer Day : आज गौरी देशभर में 26 कैंसर पीड़ितों की निशुल्क ऑनलाइन काउंसलिंग कर रही हैं और उन्हें कैंसर मुक्त करने के लिए पूरी मदद कर रही हैं.

कैंसर मुक्त होने का प्रमाणपत्र दिखाती गौरी कपूर

राजेश खत्री/सोनीपत: हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day) मनाया जाता है. कैंसर एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसके नाम से ही लोगों की रूह कांप जाती है. समय पर बीमारी की पहचान और सही इलाज न मिलने की सूरत में जान जाने का खतरा बढ़ जाता है.

कैंसर का नाम सुनते ही स्वयं मरीज और उसके परिजन निराश हो जाते हैं, लेकिन अगर मजबूत इच्क्षा शक्ति के दम पर इससे पार भी पाया जा सकता है. आज हम सोनीपत की एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने कैंसर होने का पता चलने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और अपनी प्रबल जिजीविषा का परिचय देते हुए अंतिम चरण के ब्रेन कैंसर को मात दे दी.

4 साल के संघर्ष के बाद उन्हें कैंसर मुक्त होने का प्रमाण पत्र जारी किया गया है. अब वह खुद कैंसर के मरीजों की काउंसलिंग करती हैं. चिकित्सकों का मानना है कि मरीजों के ठीक न होने की एक बड़ी वजह होती है उसकी कमजोर इच्छाशक्ति. कई बार जहां दवा काम नहीं आती, वहां मजबूत इच्छाशक्ति काम आती है.  

सोनीपत की गौरी कपूर (28) ने कैंसर जैसी बीमारी से बाहर आने के लिए अपनी इच्छाशक्ति को ही मजबूत किया था. उन्होंने अंतिम चरण में ब्रेन कैंसर (पिट्यूटरी) को मात दी थी, जिसके बाद अब वह पूरी तरह ठीक हो गई हैं. आज गौरी देशभर में 26 कैंसर पीड़ितों की निशुल्क ऑनलाइन काउंसिलिंग कर रही हैं और उन्हें कैंसर मुक्त करने के लिए पूरी मदद कर रही हैं. 

यह है पूरी कहानी

गौरी कपूर की रिपोर्ट में 8 अक्टूबर 2016 को ब्रेन कैंसर की पुष्टि हुई थी. 13 अक्टूबर से एम्स में उनका इलाज होना शुरू हुआ. जिसके बाद 28 जनवरी को उनके कैंसर का ऑपरेशन होना था लेकिन ब्रेन में ज्यादा सूजन होने की वजह से चिकित्सकों ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया था. इतना ही नहीं चिकित्सकों ने परिवार से उनको घर ले जाने के लिए भी कह दिया था. 31 जनवरी 2017 के दिन गौरी को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

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ऐसे दी ब्रेन कैंसर को मात

गौरी कपूर ने बताया कि डॉक्टर की उसे घर ले जाने की बात पर उसने डॉक्टर से कहा कि कहती हैं डॉक्टर की इस बात के बाद उन्होंने डॉक्टर से कहा कि मुझे अभी मरना नहीं है. मैं जीना चाहती हूं, आप मेरा ऑपरेशन कर दो. लेकिन चिकित्सकों ने साफ इनकार कर दिया. इसके बावजूद परिवार ने उनका हौंसला टूटने नहीं दिया और स्थानीय स्तर पर ही उपचार शुरू कराया. उस दौरान गौरी कपूर का संपर्क ब्रिटेन की एक महिला से हुआ. यह महिला भी ब्रेन कैंसर को मात दे चुकी थी. उसने गौरी कपूर की काउंसलिंग की और कुछ मेडिसिन बताईं.

इसके बाद गौरी कपूर से कैंसर को हराने की ठान ली. 7 सितंबर 2019 को गौरी की कैंसर रिपोर्ट नेगेटिव आ गई, लेकिन ब्रेन में अब भी होल बाकी था. लगातार व्यायाम, पौष्टिक आहार और प्रयासों से 12 अक्टूबर 2020 को सोनीपत के गोहाना में पीजीआई खानपुर की ओर से उनको कैंसर फ्री होने की रिपोर्ट जारी कर दी गई. 

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