1500 एकड़ फसल खराब, नाराज किसान बोले- इसलिए पानीपत रिफाइनरी छोड़ रहा जहरीली गैस
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1500 एकड़ फसल खराब, नाराज किसान बोले- इसलिए पानीपत रिफाइनरी छोड़ रहा जहरीली गैस

Panipat Refinery : किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर रिफाइनरी के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया. ड्यूटी मजिस्ट्रेट अशोक छिकारा ने कहा कि सोमवार से किसानों की खराब हुई फसल का सर्वे करवाया जाएगा और गुरुवार तक उच्च अधिकारियो को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी

पानीपत रिफाइनरी के गेट पर प्रदर्शन करते किसान

राकेश भयाना/पानीपत : पानीपत रिफाइनरी (Panipat Refinery) के आसपास के 6 गांवों में खेतों में खड़ी करीब 1500 एकड़ फसल खराब हो गई है. किसानों ने आरोप लगाया है कि पानीपत स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) की रिफाइनरी ने विषैली गैस (Poisonous Gas) छोड़ी है जिसकी वजह से उनकी सरसों, पशुओं के चारे के लिए लगाई गई बरसीन आदि फसल (Crop) बर्बाद हो गई. इन गांवों के प्रभावित किसानों ने मुआवजे की मांग करते हुए रिफाइनरी के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया. 

किसानों के विरोध को शांत करवाने के लिए कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर व बीडीपीओ मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने कमेटी बनाने की बात कही. साथ ही यह भी कहा कि गुरुवार तक खराब फसलों की जांच करवाकर उसकी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी जाएगी, जिस आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने भी माना कि करीब 90 प्रतिशत फसल खराब हो चुकी है. मुआवजे का आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने रिफाइनरी के गेट के बाहर अपना धरना समाप्त कर दिया और घरों की ओर लौट गए. 

फसल का सर्वे करवाया जाएगा

ड्यूटी मजिस्ट्रेट अशोक छिकारा ने कहा कि सोमवार से किसानों की खराब हुई फसल का सर्वे करवाया जाएगा और गुरुवार तक उच्च अधिकारियो को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी. कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर वीरेंद्र आर्य ने कहा कि फसल के सर्वे में साइंटिस्ट को भी शामिल किया जाएगा. प्राथमिक जांच में सामने आया है कि किसानों की फसल तो खराब हुई है, लेकिन इसका सही कारण जांच रिपोर्ट में ही सामने आएगा. 

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किसानों ने बताई यह बड़ी वजह 

समे सिंह, गुरप्रीत सिंह समेत किसानों का कहना है कि रिफाइनरी से जहरीली गैस निकलने से उनकी फसल खराब हुई है और ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है. उन्होंने आरोप लगाया कि रिफाइनरी उनकी जमीन को सस्ते दामों पर खरीदना चाहती है, जिसके चलते उनके द्वारा इस विषैली गैस को छोड़ा गया है. किसानों का कहना है कि रिफाइनरी की वजह से उनके पशु भी बीमार रहते हैं और बच्चों की सेहत पर असर पड़ता है और बच्चे बीमार हो जाते हैं.

किसानों का कहना है कि उनकी फसल खराब होने के बाद पहले भी वह रिफाइनरी के अधिकारियों से मिलने के लिए आए थे जिसके बाद उन्हें 2 दिन का समय दिया गया था, लेकिन जब उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो उसके बाद रिफाइनरी के गेट पर धरना दे दिया. 

 

 

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