यमुनानगर के बिलासपुर में हुई महापंचायत में किसान नेता ने किसानों को मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को होने वाली महारैली में शामिल होने का न्योता दिया. उन्होंने कहा कि अब तो देश बचाने का आंदोलन है और इसके लिए जनता को सड़कों पर आना चाहिए.
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कुलवंत सिंह/ यमुनानगर : किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए गंभीर नहीं है. अगर वास्तव में सरकार बातचीत करना चाहती है तो लेटर जारी करके समय और स्थान बताए, किसान बातचीत में शामिल होंगे. इस बातचीत का लाइव टेलीकास्ट किया जाए.
उन्होंने कहा कि अगर सदन की कार्यवाही का लाइव टेलीकास्ट हो सकता है तो किसानों की लाइव टेलीकास्ट की भी व्यवस्था की जानी चाहिए.
जनता से अपील
टिकैत ने कहा कि बिना कृषि कानूनों को वापस लिए और एमएसपी की गारंटी के यह आंदोलन समाप्त नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अब तो देश बचाने का आंदोलन है और इसके लिए जनता को सड़कों पर आना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर यह आंदोलन जीतता है तो देश जीतेगा अगर आंदोलन हारता है तो देश हारेगा.
गुरुवार को राकेश टिकैत यमुनानगर के बिलासपुर में हुई किसान महापंचायत में शामिल हुए. इस दौरान गन्ने का एफआरपी 5 रुपये बढ़ाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को भीख दे रही है. टिकैत ने एक बार फिर दोहराया कि केंद्र सरकार बिना शर्त तीनों कृषि कानून वापस ले.
महारैली में शामिल होने का न्योता
एमएसपी की गारंटी लिए बिना किसान वापस नहीं जाएंगे. महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत सहित प्रदेश के अन्य किसान नेताओं ने भाग लिया. मंच से टिकैत ने बिलासपुर में इकट्ठे हुए किसानों को मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को होने वाली महारैली में शामिल होने का न्योता दिया. उन्होंने कहा, इस महारैली में कई राज्यों से किसान आएंगे. मैं आप सबको न्योता देने के लिए आया हूं.
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सरकार किसानों को करे संतुष्ट
उन्होंने कहा कि सरकार संयुक्त किसान मोर्चा को तोड़ने की कोशिश कर रही है और हम जोड़ने की. टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के में शामिल सभी 40 बड़े दलों के नेता एक हैं और सरकार को इन सभी को संतुष्ट करना पड़ेगा.
गुटबाजी से इनकार
टिकैत ने कहा कि मोर्चा में कोई गुटबाजी नहीं है. किसान नेता ने कहा कि यह बीजेपी की नहीं, बल्कि मोदी की सरकार है, जो किसानों के खिलाफ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछले 9 महीनों से सभी किसान बैठे हुए हैं और किसानों की मांगें माने जाने तक वहीं बैठे रहेंगे.
हिमाचल का जिक्र
किसान नेता ने कहा कि देश की संपत्ति को बेचा जा रहा है, किसानों को बेचा जा रहा है. टिकैत ने कहा कि हिमाचल में सेब के बागान को खत्म किया जा रहा है. सस्ते रेट पर सेब लेकर बड़ी कंपनियां उसे महंगे दामों पर बेच रही हैं.