यमुनानगर में भाजपा की बैठक के विरोध में भड़के किसान, बैरिकेड तोड़ने के बाद हंगामा
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यमुनानगर में भाजपा की बैठक के विरोध में भड़के किसान, बैरिकेड तोड़ने के बाद हंगामा

जगाधरी में आज उस समय हंगामा जो गया, जब किसानों को पता चला कि भारतीय जनता पार्टी की जिला स्तरीय बैठक में हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर, पूर्व केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया सहित अन्य भाजपा नेता पहुंच रहे हैं. कृषि कानूनों के विरोध में

यमुना नगर में सुरक्षा के मद्देनजर काफी संख्या में पुलिस मौजूद रही.

कुलवंत सिंह/यमुनानगर : जगाधरी में आज उस समय हंगामा जो गया, जब किसानों को पता चला कि भारतीय जनता पार्टी की जिला स्तरीय बैठक में हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर, पूर्व केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया सहित अन्य भाजपा नेता पहुंच रहे हैं. कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की नाराजगी बढ़ती जा रही है.

सूचना मिलते ही काफी संख्या में किसान जगाधरी के विभिन्न इलाकों में इकट्ठा हो गए. विभिन्न वाहनों पर सवार होकर किसानों ने अलग-अलग चौराहों पर मोर्चाबंदी कर आने जाने वाले भाजपा के हर वाहन को रोकने की कोशिश की और काले झंडे दिखाए.

इसके बाद किसान भाजपा की बैठक के स्थल के नजदीक पहुंच गए, जहां पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर सुरक्षा के इंतजाम कर रखे थे. किसान ट्रैक्टर से बैरिकेडिंग तोड़कर मीटिंग हॉल के नजदीक पहुंच गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे.

पुलिस के विभिन्न अधिकारी किसानों को समझाते नजर आए, लेकिन किसानों ने किसी की एक नहीं सुनी। जब किसान दूसरे बैरिकेड तोड़ने के लिए पहुंचे, लेकिन पुलिस प्रशासन के पुख्ता प्रबंध ने किसानों को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में नाकामी मिली. 

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बैठक में नहीं आई रुकावट 
मीटिंग स्थल पर आने वाले सभी रास्तों में मोर्चाबंदी की गई थी, लेकिन इसके बावजूद सभी भाजपा नेता मीटिंग में पहुंचने में सफल हो गए और वहां कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया।

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब तक के सभी मुख्यमंत्रियों में सर्वश्रेष्ठ रहे हैं. उन्होंने बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों को नौकरियां दी. उन्होंने सभी इलाकों में बिना भेदभाव के विकास कार्य कराए हैं 

किसान नेता हरपाल सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री को तीनों कृषि बिल वापस लेना चाहिए। तीनों काले कानूनों को वापस लिए बिना किसान पीछे नहीं हटेंगे ।
 

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