नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई में हर तरफ तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. दोनों देश झुकने को तैयार नहीं हैं और हथियारों का जमकर प्रयोग कर रहे हैं. जंग का असर पड़ोसी देशों पर भी देखने को मिल रहा है. NATO और यूरोपीय संघ के सदस्य पोलैंड ने 45 रूसी राजनयिकों को जासूसी के आरोप में देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है. इन राजनयिकों पर आरोप है कि वे रूसी खुफिया विभाग के लिए दूतावास की आड़ में जासूसी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे.
रूसी राजनियक पर जासूसी का आरोप
पोलैंड के विशेष सेवा के प्रवक्ता स्टानिस्लाव जरीन ने कहा है कि 'आंतरिक सुरक्षा एजेंसी ने तथाकथित राजनयिक कवर के तहत पोलैंड में काम करने वाले 45 लोगों की एक सूची तैयार की है. ये वे लोग हैं जो राजनयिक स्थिति के ढांचे के भीतर काम करते हैं, लेकिन पोलैंड के खिलाफ वास्तविक खुफिया गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे.'
पोलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लुकाज़ जसिना ने कहा कि रूसी दूतावास के कर्मचारियों ने पोलिश कानून के खिलाफ काम कर रहे थे, साथ ही वियना कन्वेंशन के नियमों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही थीं.
यूक्रेनी राजनियकों को देश छोड़ने को कहा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लुकाज़ जसिना ने कहा है कि 'इस निर्णय का कारण यह था कि रूसी संघ के दूतावास के कर्मचारियों ने पोलिश कानून के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम दिया. उन्होंने वियना कन्वेंशन के मानदंडों का उल्लंघन किया. यानि राजनयिकों की स्थिति के साथ असंगत गतिविधियों का संचालन भी किया.'
हालांकि रूस ने पोलैंड के दावों तो निराधार बताया है. पोलैंड में तैनात रूसी राजदूत सर्गेई आंद्रेयेव ने कहा है कि मौजूदा हालात में पोलैंड रूस के कर्मचारियों को रखने के लिए सहमत नहीं होगा. उन्होंने कहा कि रूस को भी आगे कदम उठाने का अधिकार है.
पोलैंड के आरोपों पर रूस की सफाई
रूसी राजदूत सर्गेई आंद्रेयेव ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा है कि 'हम अपने सभी कर्मचारियों को बहुत महत्व देते हैं और खेद है कि हमें उनके बिना काम करना पड़ेगा. हमारे यहां इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों का कोई आधार नहीं है, इसलिए ऐसा लगता है कि पोलिश पक्ष मौजूदा हालात में हमारे कर्मचारियों को बदलने के लिए सहमत नहीं होगा.'
दरअसल पोलैंड NATO में शामिल है और नाटो से रूस की दुश्मनी जग जाहिर है. अपने पड़ोसी मुल्क यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच पोलैंड काफी सतर्कता बरतने के साथ ही शरणार्थियों की भी मदद कर रहा है.
दूसरी ओर बेलारूस ने भी कुछ यूक्रेनी राजनयिकों पर जासूसी का आरोप लगाया है और देश छोड़ने के लिए कह दिया है. साथ ही ब्रेस्ट शहर में अपने वाणिज्य दूतावास को भी बंद कर दिया है. जाहिर है जमीन पर जंग तो छिड़ी हुई ही है, राजनीतिक स्तर पर भी एक-दूसरे देश के खिलाफ जंग की तैयारी तेज हो गई है.
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