यूक्रेन के समंदर में अब ब्रिटेन भेजेगा युद्धपोत, दुनिया को भूख से बचाना है मकसद

ब्रिटेन ओडेसा के काला सागर बंदरगाह पर युद्धपोत भेजने की योजना बना रहा है. ताकि रूसी घेराबंदी तोड़ कर यूक्रेनी जहाज में लदा अनाज दुनिया तक पहुंचाया जा सके. डेनमार्क ने भी घोषणा की कि वह यूक्रेन को अमेरिका निर्मित मिसाइलें भेजेगा. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 24, 2022, 02:00 PM IST
  • ब्रिटेन, नाटो और अन्य देश 'सुरक्षात्मक' गलियारा बना सकते हैं
  • यह यूक्रेन को बड़ी मात्रा में अनाज का निर्यात करने की अनुमति देगा
यूक्रेन के समंदर में अब ब्रिटेन भेजेगा युद्धपोत, दुनिया को भूख से बचाना है मकसद

लंदन: रूस यूक्रेन जंग के चलते दुनिया के कई देशों में बढ़ रहे अनाज संकट का असर दिखने लगा है. वैश्विक खाद्य संकट गहरा गया है. अब ब्रिटेन ओडेसा के काला सागर बंदरगाह पर युद्धपोत भेजने की संभावित योजना पर अपने सहयोगियों के साथ समन्वय कर रहा है ताकि यूक्रेनी अनाज निर्यात करने वाले जहाजों को एक सुरक्षा प्रदान कर सके. 

अमेरिका और डेनमार्क भी देगा हथियार
इससे पहले अमेरिका की ओर से भी यूक्रेन को एंटी शिप मिलाइलें देने की बात कही जा रही थी, ताकि वह अनाज से लदे अपने जहाजों के लिए रास्ता बना सके. इस बीच डेनमार्क ने भी घोषणा की कि वह यूक्रेन को अमेरिका निर्मित मिसाइलें भेजेगा. बोइंग हार्पून मिसाइलें यूक्रेन को लंबी दूरी के हमले करने में मदद कर सकती हैं.  

यूक्रेनी बंदरगाहों को अवरुद्ध करने का आरोप
बता दें कि रूसी समुद्री घेराबंदी के चलते यूक्रेन दुनिया को अपना अनाज नहीं भेज पा रहा है. इसलिए यूरोप के कई देशों की हालत खराब हो गई है. क्रेमलिन की सेनाओं पर यूक्रेनी बंदरगाहों को अवरुद्ध करने का आरोप लगाया गया है, और उन किफायती खाद्य स्टेपल के रुकावट से अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया के देशों में भोजन की कमी और राजनीतिक अशांति का खतरा है.

एक यूक्रेनी थिंक टैंक सेंटर फॉर डिफेंस स्ट्रैटेजीज के अनुसार, वर्तमान में समुद्र में छह ब्लैक सी फ्लीट जहाज और दो पनडुब्बियां हैं, जो मालवाहक जहाजों की सुरक्षा के लिए खतरा हैं.

अब अगर अमेरिकी मिसाइल और ब्रिटेन के युद्धपोत की मदद यूक्रेन को मिलती है तो वह दुनिया भर में आवश्यक बड़ी मात्रा में अनाज का निर्यात कर सकेगा.  यूक्रेन हवाई रक्षा, जहाज-रोधी मिसाइल और लंबी दूरी के रॉकेट जैसे अधिक उन्नत हथियारों की मांग कर रहा है, लेकिन अब तक अधिकांश सहायता टैंक हथियारों और तोपखाने जैसी छोटी दूरी की प्रणालियों में रही है.

कई देशों ने मिलकर बनाया गठबंधन
लिथुआनियाई विदेश मंत्री गेब्रियलियस लैंड्सबर्गिस ने कल कहा कि उन्होंने ब्रिटिश विदेश सचिव लिज़ ट्रस के साथ ओडेसा से इस तरह के 'सुरक्षात्मक गलियारे' के निर्माण पर चर्चा की थी.

उन्होंने यह भी कहा कि नाटो देशों और मिस्र जैसे अनाज पर निर्भर अन्य राष्ट्रों से बना 'गठबंधन', सुरक्षा को मजबूत करने और व्यापक भोजन की कमी को रोकने के लिए सैन्य संसाधनों को प्रतिबद्ध करने के लिए तैयार हो सकता है. अनाज नाकेबंदी के रूसी प्रयास को रोकने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलों को भी तैनात किया जाएगा.

वैश्विक खाद्य संकट बढ़ा
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने एक आसन्न वैश्विक खाद्य संकट को तेज कर दिया है. भारी मात्रा में अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुओं का भंडारण हो रहा है.  यूक्रेन और रूस मिलकर दुनिया के गेहूं और जौ का एक तिहाई और अपने सूरजमुखी के तेल का आधा निर्यात करते हैं, जबकि रूस उर्वरक का एक शीर्ष आपूर्तिकर्ता है जिसने कीमत में वृद्धि की है.

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रमुख डेविड बेस्ली ने 'वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर युद्ध की घोषणा' के लिए रूस की निंदा की और पुतिन पर अनाज निर्यात की नाकाबंदी के बीच लाखों लोगों को 'भुखमरी की ओर' भेजने का आरोप लगाया. विशेषज्ञों के मुताबिक यदि यूक्रेन की आपूर्ति बाजार से दूर रहती है, तो अगले 10 से 12 महीनों में दुनिया को खाद्य उपलब्धता की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, और 'यह पृथ्वी नरक बनने जा रही है. 

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