नई दिल्ली: हमारे हर एक अंग की नसे दिमाग से जुड़ी होती है और उसकी वजह से ही जब कहीं पर चोट लगती है तो हमें पता चलता है. लेकिन कभी-कभी पतली नसें बैठने और फिजिकल एक्टिविटी के दौरान दब जाती है और किसी वजह से उसका पता दिमाग को नहीं चलता है. जिससे वह पार्ट सून हो जाता है लेकिन जब अचानक से ब्रेन तक उस जगह की जानकारी मिलती है तो झनझनाहट महसूस होती है. लेकिन इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे नर्व सिस्टम पर बूरा प्रभाव पड़ता है.
इतना ही नहीं कभी-कभी पोषक तत्वों व अन्य वजहों से भी हाथ-पैर में झनझनाहट और सून्न पड़ता है-.
- विटामिन B और D की कमी
- फिजिकल एक्टिविटी की कमी की वजह से
- फ्लूइड रिटेंशन
- कार्पेल टनेल सिंड्रोम
- टाइट कपड़े पहनने के वजह से
- थकान या कमजोरी की वजह से
- इसके अलावा उच्च रक्तचाप रोगी
- थायराइड
- डायबिटीज
- ड्रग व स्मोकिंग का सेवन करने वालों में भी ये शिकायते देखी गई है.
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घरेलू तरीकों से पा सकते हैं निजात-
गुनगुने पानी
सुन्न पड़ गए अंग को थोड़ी देर करीब 5-10 मिनट हल्के गुनगुने पानी में रखने से राहत मिलती है.
हल्दी वाला दूध
हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा होती है जो ब्लड को बॉडी में सर्कुलेट करने में मदद करती है. हल्दी को दूध में डालकर पीने से भी इन समस्याओं से निजात पाया जा सकता है.
दालचीनी
दालचीनी में भारी मात्रा में न्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं जो शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है. जिससे अंगों के सुन्न होने की संभावना कम हो जाती है.
योग
कई ऐसे योग हैं जो शरीर में रक्त प्रवाह को उचित तरीके से बनाए रखता है. .
उचित डाइट
पौष्टिक भोजन हमारे शरीर को कई रोगों से बचाते हैं. ज्यादातर अंग के सुन्न होने की समस्या विटामिन B और D की कमी की वजह से होती है. इसलिए भोजन में विटामिन B और D का प्रचुर मात्रा में सेवन करना चाहिए.