पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी! बजट में हो सकता है ये बड़ा ऐलान

बजट इच्छा सूची में ये मांग सामने आई है कि भारत सरकार को पेंशन को कर मुक्त करना चाहिए. एक शीर्ष अधिकारी ने इसे लेकर क्या कहा इस रिपोर्ट में समझिए..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 12, 2022, 08:34 PM IST
  • पेंशन को करना चाहिए टैक्स फ्री!
  • भारत सरकार से किसने की मांग?
पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी! बजट में हो सकता है ये बड़ा ऐलान

नई दिल्ली: बीमा उद्योग के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि भारत सरकार को पेंशन को कर मुक्त करना चाहिए ताकि पेंशन की पैठ अधिक हो. एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस के सीईओ और एमडी विघ्नेश शहाणे ने भी कहा कि सरकार को यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (यूलिप) के तहत मैच्योरिटी राशि को भी कर मुक्त करना चाहिए, जहां सालाना प्रीमियम 2.5 लाख रुपये या उससे अधिक है.

पेंशन को कर-मुक्त करने की मांग
उन्होंने कहा, 'पेंशन की पैठ बढ़ाने और भारत को एक पेंशन समाज बनाने के लिए, विशेष रूप से चूंकि हमारे पास कोई सामाजिक सुरक्षा कवर नहीं है, हमारा अनुरोध है कि ग्राहक के हाथों में पेंशन को कर-मुक्त किया जाए क्योंकि पेंशन प्रीमियम का भुगतान कर योग्य माध्यम से पहले ही किया जा चुका है.'

उन्होंने कहा कि पेंशन/वार्षिकी की आय को ग्राहक के हाथ में कर मुक्त किया जाना चाहिए या मूल घटक के लिए कटौती की अनुमति दी जानी चाहिए. अन्य बजट इच्छा सूची को सूचीबद्ध करते हुए, शहाणे ने कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 80 डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के मामले में कटौती की सीमा अधिक होनी चाहिए, जबकि वर्तमान सीमा केवल 25,000 रुपये है.

'टर्म प्लान को महंगा बनाता है जीएसटी'
उन्होंने कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 80 सी कर लाभ के लिए विभिन्न निवेश विकल्पों से भरी हुई है और जीवन बीमा के लिए एक अलग धारा होनी चाहिए या सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया जाना चाहिए. शहाणे ने कहा कि कम से कम टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए एक अलग सेक्शन देश में भारी सुरक्षा अंतर को देखते हुए मददगार होगा.

उन्होंने कहा, 'हम सुरक्षा उत्पादों के लिए जीरो रेटेड जीएसटी की सलाह देते हैं क्योंकि 18 फीसदी जीएसटी टर्म प्लान को महंगा बनाता है. देश में बीमा की पैठ बढ़ाने के लिए जीरो रेटेड जीएसटी के तहत बुनियादी सुरक्षा योजनाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए.'

शहाणे ने कहा कि 15,000 रुपये के मौजूदा स्तर से बीमा कमीशन (आयकर अधिनियम की धारा 194 डी के तहत) पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) छूट की सीमा बढ़ाने से बीमा एजेंटों को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा.
(इनपुट: आईएएनएस)

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