महेंद्र सिंह धोनी के कप्तान बनने के बाद भी क्यों नहीं बदलेगी चेन्नई सुपरकिंग्स की किस्मत, जानिए 5 वजहें

नई दिल्लीः महेंद्र सिंह धोनी इस सीजन के बचे हुए मुकाबलों में चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी संभालेंगे. रवींद्र जडेजा ने खेल पर अधिक ध्यान देने का हवाला देकर कप्तानी चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी छोड़ दी है.

Written by - Lalit Mohan Belwal | Last Updated : Apr 30, 2022, 09:40 PM IST
  • रवींद्र जडेजा ने छोड़ी सीएसके की कप्तानी
  • एमएस धोनी फिर संभालेंगे चेन्नई की कमान
महेंद्र सिंह धोनी के कप्तान बनने के बाद भी क्यों नहीं बदलेगी चेन्नई सुपरकिंग्स की किस्मत, जानिए 5 वजहें

नई दिल्लीः महेंद्र सिंह धोनी इस सीजन के बचे हुए मुकाबलों में चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी संभालेंगे. रवींद्र जडेजा ने खेल पर अधिक ध्यान देने का हवाला देकर कप्तानी चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी छोड़ दी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या धोनी टीम में नई जान फूंक पाएंगे और चेन्नई का खोया हुआ रुतबा वापस दिला पाएंगे.

इसकी उम्मीद कम ही नजर आती है. जानिए आईपीएल की सबसे सफल टीमों में से एक चेन्नई के कप्तान बदलने के बाद भी सफल होने की उम्मीद कम क्यों नजर आ रही है.

1. कप्तान नया पर टीम वही पुरानी
भले ही कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी करेंगे, लेकिन टीम वही पुरानी है. टीम को दीपक चाहर की कमी लगातार खल रही है. यही नहीं टीम के अहम खिलाड़ी मोईन अली भी चोटिल हैं. मुकेश चौधरी, तुषार देशपांडे, महीषा तीक्षणा जैसे खिलाड़ी जिन्हें इनकी जगह मौका दिया गया वो छाप छोड़ने में नाकाम साबित हुए हैं.

2. कप्तान जडेजा पर गेम कंट्रोल करते थे धोनी
चेन्नई के मैच के दौरान कई बार देखा गया कि कप्तानी जरूर रवींद्र जडेजा कर रहे थे, लेकिन गेम कंट्रोल एमएस धोनी कर रहे थे. इसे लेकर पूर्व क्रिकेटर पार्थिव पटेल और अजय जडेजा ने भी सवाल उठाए थे. जब मैदान में रहकर पहले से ही धोनी गेम कंट्रोल कर रहे थे तो सवाल ये है कि अब क्या बदल जाएगा. क्योंकि धोनी के कंट्रोल के बाद भी चेन्नई ने 8 में से 6 मैच हारे.

3. धोनी को कप्तान बनाने का मोटिव क्या?
आईपीएल 2022 शुरू होने से ठीक पहले धोनी ने चेन्नई की कप्तानी छोड़ दी थी और जडेजा कप्तान बने थे. लेकिन, अब जब चेन्नई की प्लेऑफ में जाने की उम्मीदें लगभग खत्म हो गई हैं तब धोनी के चेन्नई की कप्तानी संभालने का मोटिव क्या है, क्योंकि अब अगर चेन्नई सभी मैच जीतती भी हैं तो भी उसे प्लेऑफ के लिए दूसरी टीमों के प्रदर्शन पर निर्भर होना पड़ेगा.

वहीं, धोनी के कप्तानी छोड़ने के पीछे का मकसद चेन्नई के लिए भविष्य का कप्तान तैयार करना था तो जब जडेजा फेल हो गए थे तो चेन्नई रुतुराज गायकवाड़ जैसे युवा खिलाड़ियों पर दांव लगा सकती थी, ताकि चेन्नई के लिए नया कप्तान तैयार हो सकता था. क्योंकि उम्र के चलते धोनी लंबे समय तक तो टीम में नहीं रहेंगे और एक सवाल और उठता है कि क्या जडेजा को जल्दबाजी में कप्तान बनाया गया था.

4. खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी 
चेन्नई की हार की बड़ी वजह उसके स्टार खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है. रुतुराज गायकवाड़, रॉबिन उथप्पा, रवींद्र जडेजा, शिवम दुबे, ड्वेन ब्रावो और खुद धोनी के प्रदर्शन में निरंतरता नहीं दिखी है. कोई भी खिलाड़ी अब तक लय में नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में कप्तान बदलते ही खिलाड़ियों की फॉर्म वापस आ जाएगी, इस पर संशय है.

5. क्या कप्तानी छोड़ते ही छा जाएंगे जडेजा?
रवींद्र जडेजा ने कप्तानी छोड़ने के पीछे अपने खेल पर फोकस करने का हवाला दिया. अगर मैदान पर धोनी के गेम कंट्रोल करने के बाद भी जडेजा पर कप्तानी का दबाव था तो क्या कप्तानी छोड़ते ही उनके प्रदर्शन में आमूलचूल परिवर्तन आ जाएगा यह बड़ा सवाल है, क्योंकि ताजा उदाहरण विराट कोहली का है. जिन्होंने दबाव के चलते कप्तानी छोड़ी लेकिन अब भी वह अपनी फॉर्म तलाश रहे हैं.

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