budget 2023: क्या हैं ई-कोर्ट्स, जिन्हें बनाने पर 7 हजार करोड़ और खर्च करेगी सरकार

सरकार ने ई-कोर्ट्स के इस प्रोजेक्ट के तीसरे फेज के लिए 7000 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. फेज 3 के तहत कोर्ट्स के कंप्यूटराइजेशन की प्रक्रिया और तेज की जा सकती है. 

Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 1, 2023, 06:11 PM IST
  • न्यायप्रक्रिया को आसान बनाने की मुहिम.
  • तीसरे फेज में खर्च होंगे 7 हजार करोड़.
budget 2023: क्या हैं ई-कोर्ट्स, जिन्हें बनाने पर 7 हजार करोड़ और खर्च करेगी सरकार

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि ई-अदालत परियोजना का तीसरा चरण 7,000 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया जाएगा. वित्त मंत्री ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में यह घोषणा की. केंद्रीय विधि मंत्रालय के न्याय विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, ई-अदालत परियोजना के तीसरे चरण में ऐसी न्याय प्रणाली की सोच है जो अधिक सुगम्य, सक्षम हो और न्याय मांगने वाले अथवा न्याय व्यवस्था में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के लिए समान हो.

सीतारमण ने कहा, ‘न्याय के सक्षम प्रशासन के लिए ई-अदालत परियोजना का तीसरा चरण 7,000 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया जाएगा.’ कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने पिछले दिनों संकेत दिया था कि परियोजना का तीसरा चरण जल्द शुरू होगा. 

क्या होते हैं ई-कोर्ट
भारतीय न्यायव्यवस्था में लंबित मामलों की संख्या को देखते हुए इस व्यवस्था की परिकल्पना की गई थी. ई-कोर्ट के जरिए अदालत में उपस्थित हुए बिना ही आईटी तकनीक का इस्तेमाल कर मुकदमे को ऑनलाइन ही निपटा लिया जाता है.

इस व्यवस्था के पीछे यह विचार भी था कि लोगों को कोर्ट के चक्कर लगाने से भी मुक्ति मिलेगी. साथ ही उन्होंने कम पैसे खर्च कर न्याय मिल सकेगा. 

मार्च 2014 में सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 935 करोड़ रुपए के साथ पहले फेज की शुरुआत की थी. वहीं प्रोजेक्ट के फेज 2 की भी सफलतापूर्वक शुरुआत की गई थी. इस प्रोजेक्ट के तहत देश की 8 हजार अदालतों को इंफॉर्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नॉलजी से जोड़ना था. 

तीसरे चरण के लिए 7 हजार करोड़
अब सरकार ने ई-कोर्ट्स के इस प्रोजेक्ट के तीसरे फेज के लिए 7000 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. फेज 3 के तहत कोर्ट्स के कंप्यूटराइजेशन की प्रक्रिया और तेज की जा सकती है. 

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