नई दिल्लीः कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए सरकार ने सराहनीय काम किया है. अब उन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलेगा. इसे लेकर शासनादेश भी जारी कर दिया गया है.
यह फैसला उत्तराखंड में हुआ है. प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के हक में बड़ा निर्णय लिया है.
बच्चों को मिलेगा 5 प्रतिशत आरक्षण
इन बच्चों को तमाम सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. इससे वंचित वर्ग के बच्चे अपने जीवन को नई दिशा दे सकेंगे. राज्य सरकार ने साल 2021 में अनाथ बच्चों को सभी सरकारी और अशासकीय नौकरियों में आरक्षण का लाभ देने का आदेश दिया था, लेकिन नौकरियों में आरक्षण देने को लेकर भारी असमंजस था.
इसे लेकर तमाम तरह की कठिनाइयां थीं. अब शासन ने एक शासनादेश जारी कर इससे जुड़ीं सभी कठिनाइयों को दूर कर दिया है.
अनाथ बच्चों की जाति को लेकर असमंजस हुआ दूर
पूर्व में जारी आदेश में सबसे बड़ा असमंजस अनाथ बच्चों की जाति को लेकर था. क्योंकि उस आदेश में कहा गया था कि वे अनाथ बच्चे, जिस श्रेणी के होंगे, उसी में उन्हें पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलेगा. अब इसे लेकर भी स्थिति साफ हो गई है.
अब इस तरह मिलेगा आरक्षण
शासनादेश के अनुसार, जिन बच्चों की जाति का पता होगा, उन्हें उनकी श्रेणी जैसे एससी, एसटी, ओबीसी आदि में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसी तरह अनाथ आश्रमों में रह रहे जिन बच्चों की जाति का पता नहीं चलेगा, उन्हें अनारक्षित वर्ग में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया जाएगा.
सचिव अरविंद सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक, ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु उनके जन्म के 21 वर्ष तक की अवधि में हुई हो, उन्हें इसका लाभ मिलेगा.
शासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के पदों पर कोई नहीं आता तो उन पदों को संबंधित श्रेणी में काउंट करते हुए भर दिया जाएगा. बता दें कि प्रदेश भर में ऐसे बच्चों की बड़ी संख्या है, जो अनाथ हैं. इन्हें सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा.
यह भी पढ़िएः भारत के यात्री विमानों को मालवाहक में बदलने में मदद करेगी इजराइल की कंपनी, रक्षा क्षेत्र को ऐसे मिलेगी मजबूती
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.