नई दिल्लीः इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में देरी के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल पर चिंता व्यक्त करते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संकट के समाधान के लिये हस्तक्षेप करने और कोरोना वायरस संक्रमण की संभावित तीसरी लहर का सामना करने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया.
दी ये धमकी
डॉक्टरों के निकाय ने चेतावनी दी कि यदि इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान नहीं किया गया, तो आईएमए को रेजिटेंड डॉक्टरों के समर्थन में उतरना पड़ेगा. नीट-पीजी की परीक्षा सितंबर में हुई थी. आईएमए ने कहा कि कानूनी बाधाओं के कारण काउंसलिंग रोक दी गई है, जिसके परिणामस्वरूप अग्रिम पंक्ति में 45,000 डॉक्टरों की कमी हो गई है.
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पीएम से की ये अपील
आईएमए ने प्रधानमंत्री से इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने की अपील की. डॉक्टरों के निकाय ने कहा, "इस देश के 3.5 लाख डॉक्टरों की ओर से, हम रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रति अपना नैतिक समर्थन व्यक्त करते हैं जो अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. इसके साथ ही हम स्वास्थ्य मंत्रालय से अनुरोध करते हैं कि प्रधानमंत्री की सलाह और हस्तक्षेप के साथ इस मामले को जल्द से जल्द निपटाया जाए.
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