'रामायण-महाभारत के दिनों से ही होती रही है मध्यस्थता, देश में जल्द आएगा नया मध्यस्थता कानून'

देश में शीघ्र ही मध्यस्थता को लेकर नया कानून बनाने जा रहा है. इस कानून से जुड़े विधेयक फिलहाल संसद की स्थायी समिति की ओर से जांच की जा रही है. विधेयक के मसौदे में आवश्यक बदलाव और संशोधन को शामिल करने के बाद शीघ्र ही इसे संसद के समक्ष रखा जाएगा.

Written by - Nizam Kantaliya | Last Updated : Apr 9, 2022, 07:01 PM IST
  • केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने बताया
  • जल्द ही बनेगा मध्यस्थता कानून
'रामायण-महाभारत के दिनों से ही होती रही है मध्यस्थता, देश में जल्द आएगा नया मध्यस्थता कानून'

नई दिल्लीः देश में शीघ्र ही मध्यस्थता को लेकर नया कानून बनाने जा रहा है. इस कानून से जुड़े विधेयक फिलहाल संसद की स्थायी समिति की ओर से जांच की जा रही है. विधेयक के मसौदे में आवश्यक बदलाव और संशोधन को शामिल करने के बाद शीघ्र ही इसे संसद के समक्ष रखा जाएगा.

केंद्रीय मंत्री किरिन रिजिजू ने ये अहम जानकारी गुजरात के नर्मदा जिले में मध्यस्थता और सूचना प्रौद्योगिकी पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही.

दो दिवसीय इस सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया. समारोह को सीजेआई एन. वी. रमना ने भी संबोधित किया. नर्मदा जिले के केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास आयोजित मध्यस्थता और सूचना प्रौद्योगिकी पर दो दिवसीय राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन में सीजेआई एन वी रमन्ना के साथ कानून मंत्री किरन रिजिजू और गुजरात के सीएम भी शामिल थे.

जल्द बनेगा मध्यस्थता कानून
सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कानून मंत्री ने कहा कि देश में शीघ्र ही मध्यस्थता को लेकर नया कानून बनने जा रहा है. इस कानून से जुड़े विधेयक फिलहाल संसद की स्थायी समिति की ओर से जांच की जा रही है. विधेयक के मसौदे में आवश्यक बदलाव और संशोधन को शामिल करने के बाद शीघ्र ही इसे संसद के समक्ष रखा जायेगा.

'न्याय में होती है देरी'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रामायण और महाभारत के दिनों से मध्यस्थता होती रही है. मध्यस्थता से न्याय प्राप्त करने वाले फरियादियों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ता. जैसा कि वर्तमान में हमारे देश में अधिकतर जगहों पर तारीखें और न्याय में देरी सर्वाधिक है.

केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने गुजरात के नर्मदा में आयो​जित दो दिवसीय मध्यस्थता और सूचना प्रौद्योगिकी" विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बात कही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मध्यस्थता को लेकर विशेष कार्य रही है. उन्होंने कहा, मुझे इस बात की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि संसद में पेश किए जाने वाला मध्यस्थता बिल एक अच्छा रूप ले रहा है.

रिजिजू ने कहा कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका सरकार के तीन अंग हैं और इन सभी अंगों को सहयोगात्मक कार्य के साथ आगे बढ़ना होगा. उन्होंने कहा कि तीनों अंग अलग-अलग दिशाओं में काम नहीं कर सकते, क्योंकि ऐसा करने से कानून को लागू करने में बाधा उत्पन्न होंगी. 

रिजिजू ने कहा कि देश के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना के साथ उनका बेहतर तालमेल है और जब भी वे उनसे मिलते हैं तो बेहतर सुझाव और विचार साझा करते हैं. अपने संबोधन के अंत में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश की न्यायपालिका कार्यपालिका से जो भी उम्मीद करती है, हम उसे पूरा करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट के जजों ने भी दिए सुझाव
इस विधेयक के लिए सरकार को सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान और पूर्व न्यायाधिशों ने भी अपने सुझाव दिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें इस कानून के लिए वर्तमान सुप्रीम कोर्ट जजों और सेवानिवृत्त जजों से भी बेहतर इनपुट मिले हैं. संसद की स्थायी समिति से जैसे ही ये ​विधेयक हमारे पास आएगा, हम सभी आवश्यक संशोधनों के साथ इसे पारित करने में जुट जाएंगे.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान मोदी सरकार देश की अदालतों में लंबित मामलों के त्वरित समाधान के लिए प्रतिबद्ध है और इसे केंद्र में रखकर आगे बढ़ रही है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मध्यस्थता विधेयक देश में परिवर्तनकारी बदलाव लाने में सक्षम है और इसके लिए हमें वैकल्पिक विवाद समाधान और सूचना प्रौद्योगिकी पर ध्यान देना होगा.

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