जानिए कौन हैं अमन लेखी जिन्होंने अचानक छोड़ दिया एडिशनल सॉलिसिटर जनरल का पद

लॉ मिनिस्टर किरन रिजीजू को लिखे गये पत्र में लेखी ने कहा कि वे अपने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के पद से तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे रहे हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 4, 2022, 05:46 PM IST
  • कार्यकाल खत्म होने के 16 महीने पहले ही छोड़ा पद
  • सीएम योगी के भी रह चुके है वकील
जानिए कौन हैं अमन लेखी जिन्होंने अचानक छोड़ दिया एडिशनल सॉलिसिटर जनरल का पद

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार के लिए कानूनी टीम में शामिल अहम सदस्य सीनियर एडवोकेट अमन लेखी ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पद से इस्तीफा दे दिया है. अमन लेखी ने इस्तीफे के साथ ही अपना कार्यालय छोड़ दिया है.

इस्तीफे के निर्णय के पीछे फिलहाल कोई कारण नहीं बताया गया है. लॉ मिनिस्टर किरन रिजीजू को लिखे गये पत्र में लेखी ने कहा कि वे अपने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के पद से तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे रहे हैं.

कार्यकाल खत्म होने के 16 महीने पहले ही छोड़ा पद

सीनियर एडवोकेट अमन लेखी को केन्द्र सरकार ने 5 मार्च 2018 को एएसजी नियुक्त किया था. केन्द्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को उन्हें तीन साल के दूसरे कार्यकाल के लिए नियुक्त किया था जो 30 जून 2023 तक का है. लेकिन करीब 16 माह पूर्व ही अमीन लेखी ने एडिशनल सॉलिस्टर जनरल के पद से इस्तीफा दे दिया है. लेखी एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में कोयला आवंटन घोटाला मामले, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले और राष्ट्रमंडल खेलों (सीडब्ल्यूजी) घोटाला मामले में पैरवी कर चुके है

कई अहम मामलों में निभा चुके हैं बड़ी भूमिका

अमन लेखी ने एएसजी रहते हुए सुप्रीम कोर्ट को कई कानूनी मामलों में असिस्ट कर चुके है. उनके तर्कों ने सुप्रीम कोर्ट को नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 से संबंधित कानून को स्पष्ट करने में सहायता की थी. जिसमें लेखी ने तर्क दिया था कि इस कानून के तहत सजा का निर्धारण करने में, निर्णायक कारक मात्रा होगी न कि मादक दवा की शुद्धता.

इसके अलावा लेखी ने डीम्ड विश्वविद्यालयों पर लागू करने के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में दिये अपने सुझावों से सुप्रीम कोर्ट को प्रभावित कर पाये थे. वे कई मामलो में सीबीआई की ओर से भी पैरवी कर चुके है. वर्तमान में वे जेलों के सुधार से संबंधित एक जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट को असिस्ट कर रहे थे

योगी के भी रह चुके है वकील

एडिसनल सॉलिस्टर जनरल के रूप में लेखी ने वाइस एडमिरल बिमल वर्मा द्वारा दायर नौसेना स्टाफ प्रमुख की नियुक्ति के लिए दी गयी चुनौति से जुड़ा मामला हो या फिर 2013 का हेलीकॉप्टर रिश्वत घोटाला, पत्रकार गौतम नवलखा की गिरफ्तारी मामला, दिल्ली के मुख्य सचिव के हमले से संबंधित मामला, 1984 सिख विरोधी दंगों का मामला हो वो सरकार, दिल्ली और एसआईटी के एएसजी रहे है.  

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लेखी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित "अभद्र भाषा" मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पैरवी की है. गोवा की उपराज्यपाल किरण बेदी के खिलाफ कांग्रेस विधायक लक्ष्मीनारायण की अपील, केंद्र शासित प्रदेश के दिन-प्रतिदिन के कामकाज को संचालित करने के लिए उपराज्यपाल को मंजूरी देने की अपील  सहित कई महत्वपूर्ण मामलो में एएसजी रहे है. 

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