कानून मंत्री की चिंता, क्यों SC कॉलेजियम ने सार्वजनिक की IB और रॉ की रिपोर्ट!

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खुफिया एजेंसियों के अधिकारी देश के लिए गोपनीय तरीके से काम करते हैं और अगर उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है, तो वे भविष्य में काम करने से पहले ‘दो बार सोचेंगे.’ 

Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 24, 2023, 11:03 PM IST
  • कानून मंत्री बोले- इसका प्रभाव पड़ेगा.
  • बोले- 'मैं उचित समय पर प्रतिक्रिया दूंगा.'
कानून मंत्री की चिंता, क्यों SC कॉलेजियम ने सार्वजनिक की IB और रॉ की रिपोर्ट!

नई दिल्ली. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा खुफिया ब्यूरो (आईबी) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की संवेदनशील रिपोर्ट के कुछ अंशों को सार्वजनिक मंच पर रखा जाना ‘गंभीर चिंता का विषय’ है. उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसियों के अधिकारी देश के लिए गोपनीय तरीके से काम करते हैं और अगर उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है, तो वे भविष्य में काम करने से पहले ‘दो बार सोचेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘इसका प्रभाव पड़ेगा.’

रीजीजू सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के हाल ही में सार्वजनिक किए गए कुछ प्रस्तावों से जुड़े सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. इन प्रस्तावों में शीर्ष अदालत द्वारा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के पद के लिए सुझाए गए कुछ नामों के संबंध में आईबी और रॉ की रिपोर्ट के कुछ अंश शामिल थे.

पहली बार दी प्रतिक्रिया
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा सार्वजनिक किये गये इन रिपोर्ट के अंशों पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है. कॉलेजियम ने खुफिया सूचनाओं को खारिज करते हुए इस महीने की शुरुआत में सरकार के सामने संबंधित नामों को फिर से दोहराया था.

रीजीजू ने एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा,'रॉ और आईबी की संवेदनशील या गोपनीय रिपोर्ट को सार्वजनिक मंच पर रखना गंभीर चिंता का विषय है, जिस पर मैं उचित समय पर प्रतिक्रिया दूंगा.' जब पूछा गया कि क्या वह इस बारे में प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ से बात करेंगे, तो उन्होंने कहा कि वह अक्सर प्रधान न्यायाधीश से मिलते रहते हैं.

'मैं सरकार तथा न्यायपालिका के बीच सेतु'
उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा संपर्क में हैं. वह न्यायपालिका के प्रमुख हैं और मैं सरकार तथा न्यायपालिका के बीच सेतु हूं, इसलिए हमें मिलकर काम करना है. आप अलग-अलग काम नहीं कर सकते.’ 

दरअसल शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने वकील आर जॉन सत्यम का नाम मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के लिए दोहराते हुए आईबी की ‘प्रतिकूल टिप्पणियों’ का जिक्र किया था. उसने अधिवक्ता सौरभ कृपाल को दिल्ली उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने की अपनी सिफारिश के संदर्भ में रॉ द्वारा दी गयी जानकारी का भी हवाला दिया.

कॉलेजियम ने ये दी थी ये जानकारी...
कॉलेजियम ने कृपाल को न्यायाधीश बनाने की अपनी सिफारिश दोहराई है. प्रस्ताव में कहा गया, ‘रॉ के 11 अप्रैल, 2019 और 18 मार्च, 2021 के पत्रों से ऐसा प्रतीत होता है कि इस अदालत के कॉलेजियम द्वारा 11 नवंबर, 2021 को सौरभ कृपाल के नाम को मंजूर करते हुए की गयी सिफारिश पर दो आपत्तियां हैं. इनमें पहली है कि सौरभ कृपाल का पार्टनर एक स्विस नागरिक है और दूसरी कि वह किसी के साथ अंतरंग संबंध में हैं और अपनी यौन अभिरुचियों को लेकर खुले विचार रखते हैं.’ 

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