Akhilesh Yadav को हिंदूवादी संगठनों ने दिखाए काले झंडे, अखिलेश बोले- 'भाजपा धर्म की ठेकेदार नहीं'

लखनऊ में मां पीताम्बरा 108 महायज्ञ में पहुंचे समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाये. यादव यहां मां पीताम्बरा शक्तिपीठ में आयोजित महायज्ञ और परिक्रमा कार्यक्रम में भाग लेने गए थे. इसी दौरान उन्हें कुछ हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाये.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 28, 2023, 04:50 PM IST
  • अखिलेश बोले- 'मुझे आमंत्रित करने वाले लोगों को मिल रही धमकी'
  • श्रीरामचरित मानस पर मौर्य की टिप्पणी पर क्या बोले अखिलेश?
Akhilesh Yadav को हिंदूवादी संगठनों ने दिखाए काले झंडे, अखिलेश बोले- 'भाजपा धर्म की ठेकेदार नहीं'

नई दिल्ली: लखनऊ में मां पीताम्बरा 108 महायज्ञ में पहुंचे समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाये. यादव यहां मां पीताम्बरा शक्तिपीठ में आयोजित महायज्ञ और परिक्रमा कार्यक्रम में भाग लेने गए थे. इसी दौरान उन्हें कुछ हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाये. उनका यह विरोध सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा श्रीरामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी को लेकर था. 

अखिलेश बोले- 'मुझे आमंत्रित करने वाले लोगों को मिल रही धमकी'

इस घटना के बाद यादव ने संवाददाताओं से कहा,‘‘मैंने परिक्रमा करके मां पीताम्बरा और संतों का आशीर्वाद लिया. भाजपा के लोगों को इससे दिक्कत हो रही है. मुझे यहां जिन लोगों ने आमंत्रित किया है उन्हें भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों से धमकी मिल रही है. भाजपा हमारे धर्म की ठेकेदार नहीं है. भाजपा ने अपने गुंडों को भेजा था ताकि मैं इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकूं.’’ 

उन्होंने कहा,‘‘हम समाजवादी लोग हैं और ऐसे गुंडों से नहीं डरते. भाजपा के लोग सोचते हैं कि पिछड़े लोग शूद्र हैं. भाजपा को धार्मिक कार्यक्रमों में पिछड़े वर्गों के लोगों के जाने से परेशानी हो रही है. भाजपा के लोगों को यह याद रखना चाहिये कि समय बदलता है और भविष्य में उनके साथ भी ऐसा हो सकता है.'' 

श्रीरामचरित मानस पर मौर्य की टिप्पणी पर क्या बोले अखिलेश?

श्रीरामचरित मानस पर मौर्य की टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. उन्होंने सिर्फ इतना कहा,‘‘मैंने स्वामी प्रसाद मौर्य जी से कहा है कि वह जाति आधारित जनगणना के लिये अपने अभियान को तेजी से आगे बढ़ाएं.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर चर्चा से भागना चाहती है, इसलिये वह तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है. 

गौरतलब है कि मौर्य ने पिछले रविवार को श्रीरामचरित मानस की एक चौपायी का जिक्र करते हुए इसे महिलाओं तथा पिछड़ों के प्रति अपमानजक करार दिया था और इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी. उनके इस बयान पर खासा विवाद उत्पन्न हो गया था. संत समाज और हिंदूवादी संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया था. इस मामले में मौर्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है. सपा ने मौर्य के इस बयान को उनकी निजी राय करार देते हुए उससे पल्ला झाड़ लिया था. इसके पूर्व, श्रीरामचरित मानस पर टिप्पणी को लेकर विवादों से घिरे पूर्व कैबिनेट मंत्री मौर्य ने शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से पार्टी दफ्तर में मुलाकात की. 

जाति आधारित जनगणना की मांग के साथ आगे बढ़ेगी सपा

बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि उनकी यह बैठक जाति आधारित जनगणना की मुहिम को तेज करने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर थी. इस सवाल पर कि क्या बैठक में श्रीरामचरित मानस पर अपनी विवादित टिप्पणी के बारे में भी कोई बात हुई, मौर्य ने कहा, ‘‘सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से सदन में इसका जवाब देंगे. 

इसके अलावा वह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुक्रवार को राजस्थान में सनातन धर्म को देश का राष्ट्रीय धर्म कहे जाने को लेकर भी पार्टी का पक्ष रखेंगे.’’ पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार दलितों, पिछड़ों और वंचितों का आरक्षण खत्म करती जा रही है. ऐसे में सपा जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर नयी रणनीति के साथ मैदान में आयेगी.’’ 

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