नई दिल्लीः कांग्रेस समेत 15 विपक्षी दल शुक्रवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए और सरकार पर संविधान की मूल भावना पर आघात करने और तनाशाही तरीके से कामकाज करने का आरोप लगाया.
इन पार्टियों ने भी किया बहिष्कार
कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, भाकपा, माकपा, द्रमुक, अकाली दल, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राजद, आरएसपी, केरल कांग्रेस (एम), आईयूएमएल और एआईएमआईएम इस कार्यक्रम से दूर रहे.
पीएम समेत कई नेता रहे मौजूद
संविधान दिवस पर संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सांसद एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे. भाजपा एवं सहयोगी दलों के साथ ही, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, तेलुगू देशम पार्टी, बीजू जनता दल और बसपा के सदस्य भी कार्यक्रम में शामिल हुए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने यह कहा कि यह सरकार प्रजातंत्र और संविधान के जश्न के आयोजन में विपक्ष का सम्मान नहीं करती.
कांग्रेस ने लगाया ये आरोप
राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता शर्मा ने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से विपक्ष की आलोचना करने का कोई औचित्य नहीं था. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और अन्य मुख्य विपक्षी दल इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. भाजपा की सरकार निरंतर संवैधानिक संस्थाओं को चोट पहुंचा रही है, संवैधानिक नियमों का उल्लंघन हो रहा है.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘यह पाखंड की पराकाष्ठा है. जब संविधान की मूल विशेषताओं को कमतर किया जा रहा है तो उस समय संविधान दिवस मनाया जा रहा है. सभी को संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का हनन किए जाने के विरोध में विपक्षी दलों ने इसका बहिष्कार किया है.’’
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