यूक्रेन के बाद ब्रिटिश पीएम के इंडिया आने के क्या हैं मायने? पहली बार भारत आ रहे हैं बोरिस जॉनसन!

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच इस हफ्ते ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत आ रहे हैं. बोरिस जॉनसन का ये दो दिवसीय दौरा भारत और ब्रिटेन के रिश्तों और रूस-यूक्रेन युद्ध को देखते हुए बेहद अहम माना जा रहा है. आपको समझाते हैं कि आखिर ब्रिटिश पीएम के भारत दौरे के क्या मायने हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 18, 2022, 10:53 AM IST
  • यूक्रेन के बाद बोरिस जॉनसन का भारत दौरा
  • भारत से क्या चाहते हैं ब्रिटिश प्रधानमंत्री?
यूक्रेन के बाद ब्रिटिश पीएम के इंडिया आने के क्या हैं मायने? पहली बार भारत आ रहे हैं बोरिस जॉनसन!

नई दिल्ली: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 21 अप्रैल को दो दिनों के भारत दौरे पर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री बनने के बाद बोरिस जॉनसन का ये पहला आधिकारिक भारत दौरा होगा. ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री जॉनसन के दौरे की जानकारी देते हुए बताया कि बोरिस जॉनसन 21 अप्रैल को गुजरात का दौरा करेंगे और 22 अप्रैल को पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे.

रूस-यूक्रेन जंग के बीच अहम मुलाकात

अपने इस दौरे के दौरान बोरिस जॉनसन जहां भारत और ब्रिटेन के बीच के संबंधों को और मजबूत करने की कोशिश करेंगे, तो वहीं रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर भी खास चर्चा होगी. अपने दौरे से पहले बोरिस जॉनसन ने ट्वीट के जरिए भारत और ब्रिटेन के रिश्तों की अहमियत की बात की.

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'आज हम कुछ निरंकुश देशों की ओर से अपनी शांति और समृद्धि पर खतरे का सामना कर रहे हैं, ऐसे में ये बेहद जरूरी है कि लोकतांत्रिक और मित्र देश एकजुट रहें. भारत एक बड़ी आर्थिक ताकत है और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और इस अनिश्चित समय में वो ब्रिटेन का अहम रणनीतिक साझेदार भी है.'

बोरिस जॉनसन का भारत दौरा, जानें मायने

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. साथ ही वो भारत पर इस बात का दबाव डाल रहे हैं कि वो रूसी हथियारों पर अपनी निर्भरता कम करें. वहीं अब बोरिस जॉनसन अपने इस दौरे के जरिए, पश्चिमी देशों की इन्ही बातों की वकालत कर सकते है.

पिछले महीने ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने भारत का दौरा किया था. वो चाहती थीं कि पश्चिमी देशों के तरह भारत भी रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए. भारत ने अब तक रूस के हमलों की सीधी आलोचना नहीं की है. लेकिन भारत हमेशा यूक्रेन में हो रही मौतों पर अपनी चिंता जाहिर करता रहा है.

यूक्रेन मुद्दे पर जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले की बता चुके है कि भारत पूरी स्थिति का  लगातार आकलन कर रहा है और भारत साफ तौर पर जानता है कि उसका हित कहा पर है. ऐसे में अब सवाल ये है कि आखिर कार बोरिस जॉनसन का ये दौरा, भारत की नितियों पर कितना असर डाल पाएगा.

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