लखनऊ: अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराने के मामले (Babri Masjid Demolition Case) में आज लखनऊ की CBI स्पेशल कोर्ट फैसला सुनाएगी. इस केस में कई दिग्गजों के नाम बतौर आरोपी शामिल है. ऐसे में पूरे देश की नजर आज कोर्ट के फैसले पर होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वर्ष 1992 में हुए बाबरी विध्वंस मामले में कितने लोगों को आरोपी बनाया गया था और कितने आरोपी अभी जिंदा हैं?
49 में से 17 की मौत, 32 आरोपी जिंदा
इस केस में भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह समेत कई अन्य मुख्य आरोपी हैं. यहां आपका ये जानना जरूरी है कि अदालत ने सभी जिंदा आरोपियों को आज कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है.
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में CBI ने कुल 49 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से अबतक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 32 आरोपियों पर अभी केस चल रहा है. आपको सभी 49 आरोपियों के नाम बताते हैं.
32 आरोपियों के नाम जो जिंदा हैं
1). लालकृष्ण आडवाणी
2). मुरली मनोहर जोशी
3). कल्याण सिंह
4). उमा भारती
5). विनय कटियार
6). साध्वी ऋतंभरा
7). महंत नृत्य गोपाल दास
8). डॉ. राम विलास वेदांती
9). चंपत राय
10). महंत धर्मदास
11). सतीश प्रधान
12). पवन कुमार पांडेय
13). लल्लू सिंह
14). प्रकाश शर्मा
15). विजय बहादुर सिंह
16). संतोष दुबे
17). गांधी यादव
18). रामजी गुप्ता
19). ब्रज भूषण शरण सिंह
20). कमलेश त्रिपाठी
21). रामचंद्र खत्री
22). जय भगवान गोयल
23). ओम प्रकाश पांडेय
24). अमर नाथ गोयल
25). जयभान सिंह पवैया
26). महाराज स्वामी साक्षी
27). विनय कुमार राय
28). नवीन भाई शुक्ला
29). आरएन श्रीवास्तव
30). आचार्य धर्मेंद्र देव
31). सुधीर कुमार कक्कड़
32). धर्मेंद्र सिंह गुर्जर
17 आरोपियों के नाम, जिनका निधन हो चुका है
1). अशोक सिंघल
2). गिरिराज किशोर
3). विष्णु हरि डालमिया
4). मोरेश्वर सावें
5). महंत अवैद्यनाथ
6). महामंडलेश्वर जगदीश मुनि
7). बैकुंठ लाल शर्मा
8). परमहंस रामचंद्र दास
9). डॉ. सतीश नागर
10). बालासाहेब ठाकरे
11). डीबी राय
12). रमेश प्रताप सिंह
13). हरगोविंद सिंह
14). लक्ष्मी नारायण दास
15). राम नारायण दास
16). विनोद कुमार बंसल
17). राजमाता सिंधिया
केस की तय डेडलाइन एक्सपायर!
वर्ष 1992 के इस विवाद का मामला कुछ ज्यादा ही लंबा खिंच गया है. इस संवेदनशील केस को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने समय सीमा का निर्धारण किया था, जिसके बावजूद ये लगातार खिंचता चला गया. बता दें, 19 अप्रैल, वर्ष 2017 के Supreme Court ने स्पेशल जज को ये आदेश दिया था कि रोजाना सुनवाई करके इसे दो साल के भीतर खत्म किया जाए. जिसके बाद पिछली साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मुकदमे को लेकर 6 महीने का समय बढ़ा दिया था. इसके बाद SC ने अपने अंतिम आदेश में कुल 9 महीने का समय दिया था. लेकिन 19 अप्रैल 2020 को ये समय सीमा भी समाप्त हो गई. ऐसे में इस केस की डेडलाइन 31 अगस्त रखी गई थी, वो भी एक्सपायर हो चुकी है.
इसे भी पढ़ें: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आज आएगा फैसला, जेल जाने को तैयार हैं 'आरोपी'
देश और दुनिया की हर एक खबर अलग नजरिए के साथ और लाइव टीवी होगा आपकी मुट्ठी में. डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप, जो आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा... नीचे के लिंक्स पर क्लिक करके डाउनलोड करें-
Android Link - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.zeenews.hindustan&hl=en_IN
iOS (Apple) Link - https://apps.apple.com/mm/app/zee-hindustan/id1527717234