Aksai chin:यूएन में उठी बड़ी मांग, अक्साई चिन को चीन अधिकृत जम्मू-कश्मीर माना जाए

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 49वें सत्र के दौरान कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता जुनैद कुरैशी ने अक्साई चिन पर बीजिंग के अवैध कब्जे का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया. उन्होंने कहा कि अक्साई चिन पर चीन ने कब्जा किया हुआ है. इसलिए उसे औपचारिक रूप से 'चीन के कब्जे वाला जम्मू और कश्मीर' कहा जाना चाहिए और इस रूप में ही इसे मान्यता दी जानी चाहिए.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 24, 2022, 10:46 AM IST
  • जुनैद यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज के निदेशक हैं
  • अक्साई चिन जम्मू और कश्मीर के 20 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है
Aksai chin:यूएन में उठी बड़ी मांग, अक्साई चिन को चीन अधिकृत जम्मू-कश्मीर माना जाए

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को अक्साई चिन का मुद्दा जोर शोर से उठा. जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 49वें सत्र के दौरान कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता जुनैद कुरैशी ने अक्साई चिन पर बीजिंग के अवैध कब्जे का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया. उन्होंने कहा कि अक्साई चिन पर चीन ने कब्जा किया हुआ है. इसलिए उसे औपचारिक रूप से 'चीन के कब्जे वाला जम्मू और कश्मीर' कहा जाना चाहिए और इस रूप में ही इसे मान्यता दी जानी चाहिए. 

कौन हैं जुनैद कुरैशी और वे क्या बोले
श्रीनगर के जुनैद कुरैशी ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज के निदेशक हैं. जुनैद ने कहा कि मैं अपने पूर्वजों की भूमि जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर परिषद का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. संयुक्त राष्ट्र द्वारा गढ़े गए मुद्दे से संबंधित ज्यादातर शब्दावलियां वर्षों से सामान्य उपयोग में हैं. उपयुक्त शब्दावली विवादित मामले को परिभाषित करने और उसके समाधान की राह तलाशने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

भूटान के बराबर है ये इलाका

जुनैद कुरैशी ने कहा, ''अक्साई चिन जम्मू और कश्मीर के 20 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है. इसका आकार लगभग भूटान के आकार के बराबर है. संयुक्त राष्ट्र और उसके विभिन्न अंगों ने अक्साई चिन पर चीन के अवैध कब्जे की पूरी तरह से अनदेखी की है.'' उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर का मुद्दा जितना गंभीर है, उस लिहाज से इस तरह की चूक का गंभीर प्रभाव पड़ा है. चीन ने जुनैद की इस मांग का विरोध किया है. और इस बयान को चीन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ बताया है. 

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1950 में चीन ने कर लिया था कब्जा

1950 के दशक के दौरान चीन ने अक्साई चिन के लगभग 38,000 वर्ग किमी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था. 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान इस क्षेत्र पर बीजिंग ने सैन्य पकड़ मजबूत कर ली. 

भारत में उठी थी इस इलाके का बजट पेश करने की मांग
हाल में संसद में भारतीय जनता पार्टी के सांसद जामयांग नामग्याल ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और अक्साई चिन के लिए प्रतीकात्मक बजट पेश करने की मांग की थी. उन्होंने लोकसभा में केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के बजट और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए यह मांग उठाई थी. 

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