अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ीं, कर्ज के जंजाल में उलझे

रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. अब वे एक ऐसी मुसीबत का सामना कर रहे हैं जिस पर उनके पूरे कारोबार का भविष्य फंस हुआ है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 23, 2020, 02:44 PM IST
    • ब्रिटेन की अदालत के फैसले से बढ़ी मुसीबत
    • 71 करोड़ डॉलर से भी अधिक धनराशि अदा करनी होगी
    • ये रकम चीन के तीन बैंकों को 21 दिन के भीतर चुकानी होगी
अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ीं, कर्ज के जंजाल में उलझे

नई दिल्ली: देश के जाने माने उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन अनील अम्बानी पिछले कई वर्षों से कारोबार में नुकसान झेल रहे हैं और उनकी समस्याएं लगातार बढ़ रही है. इस समय उनपर दुनियाभर की कई बड़ी और प्रतिष्ठित कंपनियों का कर्ज चढ़ गया है जो अदा कर पाने में अनिल अंबानी समर्थ नहीं दिख रहे हैं. अनेक समस्याओं और बाधाओं के बीच अनिल अंबानी पर एक नई आफत आ गयी है.

आपको बता दें कि ब्रिटेन की एक अदालत ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को 21 दिन के भीतर 71.7 करोड़ डॉलर यानी 5,446 करोड़ का भुगतान करने को कहा है. ये रकम चीन के तीन बैंकों को 21 दिन के भीतर चुकानी होगी.

ब्रिटेन की अदालत के फैसले से बढ़ी मुसीबत

लंदन में इंग्लैंड और वेल्स के हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति निजेल टियरे ने कहा कि अनिल अंबानी जिस व्यक्तिगत गारंटी को विवादित मानते हैं वह उन पर बाध्यकारी है. न्यायमूर्ति टियरे ने आदेश में कहा कि यह घोषणा की जाती है कि अनिल अंबानी पर गारंटी बाध्यकारी है. ऐसे में अंबानी को बैंकों को गारंटी के रूप में 71 करोड़ डॉलरसे भी अधिक धनराशि अदा करनी होगी.

जानिये पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि अनिल अंबानी का पूरा मामला चीन के तीन बैंक- इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (आईसीबीसी) की मुंबई शाखा, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना से जुड़ा है.

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इन बैंकों ने लंदन की अदालत में दावा किया था कि अनिल अंबानी की निजी गारंटी की शर्त पर रिलायंस कम्युनिकेशंस को 2012 में करीब 65 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया था. तब अनिल अंबानी ने इस लोन की पर्सनल गारंटी लेने की बात कही थी लेकिन फरवरी 2017 के बाद कंपनी लोन चुकाने में डिफॉल्ट हो गई थी. अब अंबानी को ये पैसा वापस बैंक को लौटाना पड़ेगा.

फरवरी में भी जारी हो चुका है एक आदेश

आपको बता दें कि अदालत ने फरवरी में भी एक आदेश जारी किया था. तब लंदन कोर्ट में न्यायाधीश डेविड वाक्समैन ने अनिल अंबानी से 10 करोड़ डॉलर की राशि जमा करने को कहा था. इसके लिए कोर्ट ने अनिल अंबानी को छह सप्ताह की समयसीमा दी थी. इस दौरान अनिल अंबानी की ओर से रॉबर्ट होवे ने कोर्ट को बताया था कि 2012 में अंबानी का निवेश सात अरब डॉलर से अधिक का था. आज यह 8.9 करोड़ डॉलर रह गया है.

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