Maharashtra Political Crisis: शिवसेना की जंग पर क्या होगा सुप्रीम कोर्ट का रुख? 14 फरवरी से होगी सुनवाई

महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर अभी पूर्णविराम नहीं लगा है. शिवसेना के विवादों से जुड़ी अपीलों पर न्यायालय में 14 फरवरी से सुनवाई होगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 10, 2023, 03:46 PM IST
  • महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से जुड़ा अपडेट
  • अपीलों पर 14 फरवरी से कोर्ट में होगी सुनवाई
Maharashtra Political Crisis: शिवसेना की जंग पर क्या होगा सुप्रीम कोर्ट का रुख? 14 फरवरी से होगी सुनवाई

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को कहा कि वह महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena) के विभाजन से उत्पन्न राजनीतिक संकट से संबंधित याचिकाओं पर 14 फरवरी को सुनवाई शुरू करेगा.

विधानसभा अध्यक्षों की शक्तियों से जुड़ा मामला
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ से उद्धव ठाकरे शिवसेना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट संबंधी मामलों को सात सदस्यीय पीठ के पास भेजे जाने का अनुरोध करेंगे, ताकि वह अयोग्यता संबंधी याचिकाओं के निपटारे के लिए विधानसभा अध्यक्षों की शक्तियों से जुड़े 2016 के फैसले पर फिर से विचार करे.

कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा 'हमने सात-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष, मामलों के संदर्भ में ब्यौरे दाखिल किए हैं. उन्होंने (शिवसेना के, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले धड़े ने) जवाब दाखिल किया है.'

आगामी 14 फरवरी को होगी मामले की सुनवाई
पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी हैं. प्रधान न्यायाधीश ने कहा 'हम इसे सुनवाई के लिए 14 फरवरी को रखेंगे.' सात न्यायाधीशों की पीठ को मामले का संदर्भ दिए जाने की मांग कर रहे सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय द्वारा पूर्व में दिए गए एक फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया.

पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 2016 में नबाम रेबिया मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि यदि विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिये पहले दिये गए नोटिस पर सदन में निर्णय लंबित है, तो विधानसभा अध्यक्ष विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका पर आगे की कार्यवाही नहीं कर सकते.

शिवसेना में बगावत, छिड़ी शिंदे vs ठाकरे की जंग
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी विधायकों के लिए यह निर्णय विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि सीताराम जिरवाल को हटाने संबंधी नोटिस लंबित होने के आधार पर शीर्ष अदालत में लाभकारी साबित हुआ.

इस साल की शुरुआत में, शिवसेना विधायक शिंदे और 39 अन्य विधायकों द्वारा पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने के बाद राज्य में ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी. महा विकास आघाड़ी सरकार में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल थीं. शिवसेना में बगावत के कारण ठाकरे के नेतृत्व वाला गुट और शिंदे के नेतृत्व वाला गुट अलग हो गए.
(इनपुट: भाषा)

इसे भी पढ़ें- दिल्ली के एलजी ने शेहला राशिद के खिलाफ मुकदमे को दी मंजूरी, भारतीय सेना के खिलाफ किया था ट्वीट

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़