नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से बॉलीवुड एक्टर विवेक ओबेरॉय और उनके पिता को राहत मिली. 2003 में एक इवेंट कंपनी से धोखाधड़ी के मामले में विवेक और उनके पिता को और उनकी कंपनी यशी मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड को तलब करने की मांग से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया गया. न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने ये चौंकाने वाला फैसला किया है.
शिकायत को किया रद्द
बता दें कि पूरे मामले में याचिकाकर्ता ने दीवानी उपायों की मददल ली. पूरी शिकायत पर गौर करें तो ये स्पष्ट हो रहा था कि भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी का मामला प्रथम दृष्टया नहीं बनता है. उच्च न्यायालय की तरफ से एक नवंबर को आदेश जारी किया गया. आदेश में ये साफ किया गया कि पूरी शिकायत को मद्देनजर रखते हुए अपराध के होने का खुलासा न होने की वजह से शिकायत को रद्द किया जा रहा है.
पहले भी हुई थी शिकायत खारिज
इससे पहले ओबेरॉय परिवार को मेहता की तरफ से मजिस्ट्रेट अदालत में कंपनी के खिलाफ समन जारी करने की मां थी. हालांकि मजिस्ट्रेट अदालत ने मेहता की इस शिकायत को भी खारिज किया. इसके बाद मजिस्ट्रेट अदालत के इस फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई.
क्या है पूरा मामला
2003 में शिकायतकर्ता को ओबेरॉय से मिलवाया गया था और सुरेश ओबेरॉय अपने बेटे का यूएसए और कनाडा में उसी साल अगस्त और सितंबर में शो आयोजित करने का वादा किया था. शो के आयोजन का सौदा पूरा होने और बैंक की रकम लेने के बाद भी विवेक ओबेरॉय शो करने नहीं पहुंचे और बाद में पैसा भी वापिस नहीं किया.
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