Uttarakhand Election: इस सीट पर पति-पत्नी हैं मैदान में, दिनभर अपने लिए प्रचार तो रात को साथ खाते हैं खाना

Uttarakhand Election: उत्तराखंड में चुनावी रण सज चुका है. 14 फरवरी को वोटिंग होनी है. लिहाजा सभी प्रत्याशी प्रचार में जुटे हैं, लेकिन राज्य में एक ऐसी सीट है, जहां पति-पत्नी आमने-सामने हैं.

Written by - Lalit Mohan Belwal | Last Updated : Feb 2, 2022, 08:19 PM IST
  • सोमेश्वर सीट पर पति-पत्नी हैं आमने-सामने
  • अल्मोड़ा जिले में आती है सोमेश्वर विधानसभा
Uttarakhand Election: इस सीट पर पति-पत्नी हैं मैदान में, दिनभर अपने लिए प्रचार तो रात को साथ खाते हैं खाना

नई दिल्लीः Uttarakhand Election: उत्तराखंड में चुनावी रण सज चुका है. 14 फरवरी को वोटिंग होनी है. लिहाजा सभी प्रत्याशी प्रचार में जुटे हैं, लेकिन राज्य में एक ऐसी सीट है, जहां पति-पत्नी आमने-सामने हैं. वे दिनभर क्षेत्र में अपने लिए प्रचार करते हैं और रात को घर पर आकर साथ खाना खाते हैं. ये दिलचस्प चुनावी मुकाबला सोमेश्वर सीट पर चर्चा का विषय बना हुआ है.

बलवंत आर्य बनाम मधुबाला आर्य
दरअसल, समाजवादी पार्टी ने सोमेश्वर सीट से बलवंत आर्य को टिकट दिया है, जबकि उनकी पत्नी मधुबाला आर्य निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. दोनों पति-पत्नी इस सीट से अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. वे दिनभर चुनाव प्रचार में रहते हैं और लोगों से अपने पक्ष में वोट देने की अपील करते हैं.

राजनीति में सक्रिय रहे हैं आर्य दंपती
सोमेश्वर के बले गांव के रहने वाले बलवंत आर्य और मधुबाला आर्य राजनीति में पहले से सक्रिय रहे हैं. सोमेश्वर के रहने वाले अनिल भाकुनी बताते हैं कि बलवंत आर्य की मां लक्षिमा देवी यहां से ब्लॉक प्रमुख रह चुकी हैं. वह कहते हैं कि चुनावी मैदान में उतरे दंपती पढ़े-लिखे हैं. अपने लिए प्रचार भी कर रहे हैं, लेकिन उनकी जीत काफी मुश्किल है.

वहीं, बलवंत आर्य के पड़ोस के गांव लद्यूड़ा के महेंद्र सिंह किरौला ने बताया कि बलवंत आर्य और मधुबाला आर्य लंबे समय से बीजेपी से जुड़े थे. टिकट न मिलने के चलते बलवंत आर्य समाजवादी पार्टी में चले गए. उन्हें सपा ने टिकट भी दिया है.

इस वजह से नामांकन वापस नहीं हो सका
वह बताते हैं कि बलवंत आर्य की पत्नी मधुबाला को अपना नामांकन वापस लेना था, लेकिन वह नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 31 जनवरी को रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में समय से नहीं पहुंच पाई, जिसके चलते उनका नामांकन वापस नहीं हुआ. 

ग्रेजुएट हैं मधुबाला आर्य
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मधुबाला ग्रेजुएट हैं और ताकुला ब्लॉक से जिला सहकारी बैंक की निदेशक भी हैं. उनके चार बच्चे हैं, जिनमें से दो बेटियां बालिग हैं. वे इस बार वोट देंगी. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वे कहती हैं कि दोनों में से एक मां तो दूसरी पिता को वोट देंगी.

अल्मोड़ा जिले में आती है सोमेश्वर सीट
सोमेश्वर विधानसभा सीट की बात करें तो यह सीट अल्मोड़ा जिले के अंतर्गत आती है. 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी की तरफ से मंत्री रेखा आर्य, कांग्रेस की तरफ से राजेंद्र बाराकोटी, आम आदमी पार्टी की तरफ से हरीश चंद्र भी मैदान में हैं.

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है ये सीट
सोमेश्वर सीट अल्मोड़ा जिले की एकमात्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. यहां कुल 85,826 मतदाता हैं, जिसमें 41865 महिला और 43961 पुरुष वोटर हैं. अब तक हुए चार विधासभा चुनाव में इस सीट पर तीन बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस जीती है. 

सोमेश्वर सीट पर बीजेपी का रहा है दबदबा
साल 2002 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अजय टम्टा ने जीत हासिल की थी. 2007 के चुनाव में बीजेपी के अजय टम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को हराया. 2012 के चुनाव में बीजेपी के अजय टम्टा ने निर्दलीय रेखा आर्य को हराया. जबकि प्रदीप टम्टा के 2009 में लोकसभा चुनाव जीतने के चलते इस बार कांग्रेस की ओर से मैदान में उतरे राजेंद्र बाराकोटी तीसरे नंबर पर रहे. 

2017 में नजदीक से हारे कांग्रेस प्रत्याशी
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अजय टम्टा संसद के लिए निर्वाचित हो गए. ऐसे में इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की ओर रेखा आर्य मैदान में उतरीं और उन्होंने जीत हासिल की. वहीं, 2017 में रेखा आर्य कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आई और चुनाव में कांग्रेस के राजेंद्र बारकोटी को 710 वोट से हराया.

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