Uttarakhand Election: वापसी को लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मिले हरक सिंह रावत, दिया ये भरोसा

Uttarakhand Election: पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कांग्रेस में जल्द वापसी के प्रयास तेज​ कर दिए हैं. सूत्रों के अनुसार, उनकी शीर्ष नेताओं से मुलाकात हुई है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 19, 2022, 06:38 PM IST
  • कांग्रेस में वापसी में जुटे हैं हरक सिंह रावत
  • हरक की वापसी पर हरीश रावत नहीं है सहज
Uttarakhand Election: वापसी को लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मिले हरक सिंह रावत, दिया ये भरोसा

देहरादून: Uttarakhand Election: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले भाजपा से निष्कासन के राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कांग्रेस में जल्द वापसी के प्रयास तेज​ कर दिए हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस में उनकी वापसी को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है. 

दिल्ली में शीर्ष नेताओं से मिले हरक
सूत्रों ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस में अपने वापसी के खिलाफ बढ़ते विरोध के मद्देनजर हरक सिंह ने दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं से संपर्क कर अपना पक्ष रखा है. हालांकि, सूत्रों ने यह नहीं बताया कि हरक सिंह ने किन नेताओं से संपर्क किया था. 

उन्होंने बताया कि हरक सिंह ने शीर्ष नेताओं से मुलाकात के दौरान अपने प्रभाव से पांच से 10 सीटें पार्टी को दिलवाने का भरोसा दिलाया है. 

हरक का हो रहा खुला विरोध
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस आलाकमान से अभी तक हरक सिंह को पार्टी में शामिल करने का कोई संकेत नहीं मिला है. दूसरी तरफ, हरीश रावत की ओर से हरक सिंह की कांग्रेस में वापसी का विरोध किए जाने के बाद रावत के समर्थक कई नेता भी खुलकर विरोध में बोलने लगे हैं. 

हरक की वापसी से सहज नहीं हैं हरीश रावत
हरीश रावत ने संवाददाताओं से बातचीत में कई बार संकेत दिए कि वह हरक सिंह तथा अन्य बागियों की कांग्रेस में वापसी को लेकर सहज नहीं हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि 2016 में उनकी सरकार के खिलाफ बगावत हरीश रावत के खिलाफ नहीं बल्कि लोकतंत्र और उत्तराखंड के खिलाफ थी. 

गौरतलब है कि तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले 10 कांग्रेस विधायकों में हरक सिंह भी शामिल थे. बगावत के बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया था. 

प्रदीप टम्टा बोले- जनता को जवाब देना होगा मुश्किल 
रावत के करीबी राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि 2016 में साजिश के तहत लोकतंत्र की हत्या करने वालों को पार्टी में वापस लेने पर जनता को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने ऐसे लोगों को पार्टी से दूर रखे जाने पर जोर देते हुए कहा कि इसकी क्या गारंटी है कि एक बार लोकतंत्र की हत्या कर चुके पापी अपने उस कृत्य को फिर नहीं दोहराएंगे? 

केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने भी हरक सिंह को 'लोकतंत्र का हत्यारा' बताते हुए कहा कि वरिष्ठ पार्टी नेताओं को इस पर अच्छी तरह विचार करना चाहिए कि ऐसे लोगों को पार्टी में लिया जाए या नहीं.

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