मध्य प्रदेश चुनाव के लिए क्या है भाजपा की तैयारी? जमीनी हकीकत समझने में जुटा हाईकमान

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को सरगर्मी बढ़ती जा रही है. भले ही चुनाव में अभी वक्त है, लेकिन लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के दौरों ने कई की धड़कनें बढ़ा दी है. आपको इस रिपोर्ट में आपको समझाते हैं कि भाजपा मध्य प्रदेश चुनाव के लिए क्या-क्या तैयारियां कर रही है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 31, 2023, 05:21 PM IST
  • मध्य प्रदेश चुनाव के लिए भाजपा की क्या तैयारी?
  • भाजपा के दिग्गज नेताओं के दौरे से बढ़ी धड़कनें
मध्य प्रदेश चुनाव के लिए क्या है भाजपा की तैयारी? जमीनी हकीकत समझने में जुटा हाईकमान

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही सात महीने बाद हों, मगर सियासी गर्माहट का दौर जारी है. भाजपा के दिग्गज नेताओं के दौरों का क्रम जारी है और इससे राज्य के कई नेताओं की धड़कन भी बढ़ी हुई है. इसकी वजह है पार्टी हाईकमान तक जमीनी हालात की जानकारी होना.

मध्य प्रदेश में इस बार होगा रोचक मुकाबला
राज्य में इस बार के विधानसभा चुनाव में रोचक मुकाबला होने की संभावनाओं को कोई नहीं नकार सकता. उसकी बड़ी वजह है वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजे. पिछले चुनाव में भाजपा को डेढ़ दशक तक सत्ता में रहने के बाद बाहर होना पड़ा था, ऐसा इसलिए क्योंकि 230 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा को 109 स्थानों पर ही जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस के हाथ में सत्ता आई, मगर वह ज्यादा दिन नहीं चला पाई, परिणाम स्वरुप 15 माह बाद फिर भाजपा सत्ता पर काबिज हो गई.

भाजपा पिछले चुनाव नतीजों से सबक लेती नजर आ रही है और वह अगले चुनाव में किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहती. पार्टी के प्रमुख नेताओं के राज्य के लगातार दौरे हो रहे हैं. पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह का अभी हाल ही में राज्य का दौरा हुआ है और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार को भोपाल प्रवास पर हैं.

कमलनाथ के गढ़ में अमित शाह ने भरी हुंकार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के गढ़ माने जाने वाले छिंदवाड़ा में हुंकार भरी थी. वही पार्टी अध्यक्ष लड्डा भोपाल आए और उन्होंने तमाम बड़े नेताओं के अलावा कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक की साथ ही अगले चुनाव के लिए 200 पार का नारा भी दिया.

राज्य में पार्टी संगठन से लेकर सरकार तक कई नेताओं की जमीनी रिपोर्ट नकारात्मक आई है. ऐसे लोगों को कई बार हिदायतें भी दी जा चुकी हैं, लिहाजा पार्टी हाईकमान सीधे तौर पर दखल देने का मन बना रहा है. उसी के चलते दिग्गजों के दौरे और बड़े नेताओं के प्रवास जारी है.

राजनीति के जानकारों की मानें तो राज्य में अगला चुनाव भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों के लिए आसान नहीं रहने वाला. दोनों ही दलों में भितरघात की संभावना है और बगावत के भी आसार बने हुए हैं. ऐसे में जिस भी दल ने बगावत रोक ली और प्रत्याशी चयन बेहतर करते हुए चुनावी रणनीति पर काम किया उसी के लिए जीत का रास्ता आसान होगा. फिलहाल अगला चुनाव एकतरफा होने की संभावना तो कतई नहीं है.

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