राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का कर्नाटक में होगा असर? सत्ता के करीब है कांग्रेस

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसके लिए सभी सियासी पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी की विस्तारित कर्नाटक उपस्थिति ने पार्टी की संभावनाओं को बढ़ाया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 11, 2023, 08:32 PM IST
  • कर्नाटक में सत्ता की सीट के करीब है कांग्रेस!
  • भारत जोड़ो यात्रा का होगा ये बड़ा असर
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का कर्नाटक में होगा असर? सत्ता के करीब है कांग्रेस

नई दिल्ली: राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, सबसे पुरानी पार्टी अन्य सभी राज्यों में संकट जैसी स्थिति का सामना कर रही है, लेकिन कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता की सीट के करीब है. राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा ने दो महीने से भी कम समय में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं को बढ़ाया है.

कर्नाटक में राहुल गांधी ने लगाया एड़ी-चोटी का जोर
राहुल गांधी ने तीन चरणों में कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 21 दिनों तक पैदल चलकर 511 किमी की दूरी तय की. यात्रा ने राज्य में प्रवेश करते ही जनता से भारी प्रतिक्रिया प्राप्त की. यह सात लोकसभा और 20 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी.

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी यात्रा के दौरान कर्नाटक र्आई और अपने बेटे राहुल के साथ राज्य के मांड्या जिले में चलीं. यात्रा ने लोगों को राज्य में कांग्रेस पार्टी के योगदान, विशेष रूप से भूमि सुधार अधिनियम के कार्यान्वयन की याद दिलाई. कर्नाटक उन कुछ राज्यों में से एक है जहां भूमि सुधारों को सच्ची भावना से लागू किया गया और लाखों लाभार्थी पार्टी के वफादार अनुयायी हैं. अधिनियम ने जोतने वालों को जमीन दे दी, जिससे वे जमींदार बन गए.

कर्नाटक चुनाव में भाजपा बनाम कांग्रेस के बीच है जंग
राहुल गांधी ने साफ तौर पर कहा कि पार्टी के विधायक अपना नेता चुनेंगे और काफी हद तक दोनों नेताओं (विपक्ष के नेता सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार) के बीच प्रतिद्वंद्विता को खत्म करेंगे.

शिवकुमार और सिद्धारमैया प्रभावी ढंग से पूछताछ कर रहे हैं और राज्य के साथ-साथ केंद्रीय भाजपा नेताओं पर हमले शुरू कर रहे हैं. सिद्धारमैया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हिंदुत्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुरजोर विरोध कर रहे हैं.

शिवकुमार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की खिल्ली उड़ाई है. उन्होंने आरोप लगाया था कि सीबीआई और ईडी केवल विपक्षी दलों के लिए ही अस्तित्व में हैं. सत्तारूढ़ भाजपा, जो सत्ता-विरोधी कारक को प्रबंधित करने और सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है, राज्य में हर संभव प्रयास कर रही है. मोदी और अमित शाह के बार-बार राज्य के दौरे में गंभीरता देखी जा सकती थी.

मोदी और शाह ने कर्नाटक चुनाव के लिए दिया है ये नारा
बजट की प्रस्तुति के दौरान कर्नाटक का विशेष उल्लेख, ऊपरी भादरा परियोजना के लिए बजटीय आवंटन, महादयी नदी के पानी का उपयोग करने के लिए कलसा-बंडूरी परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की स्वीकृति, मोदी और अमित शाह ने डबल इंजन के महत्व को रेखांकित किया. राज्य के विकास के लिए भाजपा की सरकार सभी कांग्रेस पार्टी का मुकाबला करने की रणनीति का हिस्सा हैं.

कांग्रेस ने घोषणा की है कि पार्टी द्वारा किए गए एक आंतरिक सर्वेक्षण ने उन्हें आगामी चुनावों में राज्य में एक आरामदायक बहुमत दिया है. उसका कहना है कि सीएम पद के लिए शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच प्रतिस्पर्धा ने पार्टी को राज्य में मजबूत होने में मदद की है.

भाजपा जो दावा कर रही है कि वह एक सामूहिक नेतृत्व के तहत चुनाव लड़ेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगेगी, वह अब तक सीएम उम्मीदवार पेश नहीं कर पाई है. कांग्रेस स्पष्ट रूप से सिद्धारमैया और शिवकुमार को अपने संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवारों के रूप में पेश कर रही है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राहुल गांधी नामक एक विफल मिसाइल को फिर से लॉन्च करने के एक और प्रयास के रूप में भारत जोड़ो यात्रा का मजाक उड़ाया था.

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