चांदनी चौक में 'आप' और कांग्रेस के उम्मीदवारों की अदला-बदली, क्या भाजपा को मिलेगा फायदा?

राजधानी दिल्ली की चांदनी चौक सीट पर मुकाबला बड़ा दिलचस्प है. पिछली बार पिछली बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली अल्का लांबा इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. जबकि 2015 में कांग्रेस के टिकट पर लड़ने वाले प्रह्लाद साहनी को केजरीवाल ने टिकट दिया है. ऐसे में भाजपा को फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 21, 2020, 04:12 PM IST
    • दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुकाबला दिलचस्प
    • चांदनी चौक सीट पर गजब की टक्कर
    • आप ने दिया कांग्रेस नेता को टिकट
    • आप की वर्तमान विधायक कांग्रेस से मैदान में
    • भाजपा ने अपने पुराने नेता पर भरोसा जताया
चांदनी चौक में 'आप' और कांग्रेस के उम्मीदवारों की अदला-बदली, क्या भाजपा को मिलेगा फायदा?

नई दिल्ली: पिछली बार जो 'आप' की अल्का लांबा इस बार कांग्रेस की हैं. लेकिन पिछली बार जो कांग्रेस के थे, इस बार 'आप' का दामन थाम चुके हैं. लेकिन भाजपा ने अपने पारंपरिक वोटर को ध्यान में रखते हुए व्यापारी कैंडिडेट का दांव खेला है. 

'आप' की अल्का कांग्रेस की हुईं 
कांग्रेस की छात्र संघ इकाई NSUI से राजनीति में आने वाली अल्का लांबा ने केजरीवाल की “सत्ताधारी” पार्टी के मोह में आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी. लेकिन आप और लांबा का साथ लंबा नहीं चला. क्योंकि 1984 दंगों को लेकर आम आदमी पार्टी के विधानसभा में लिए गए स्टैंड के दौरान ये तल्खियां इतनी बढ़ी कि अल्का लांबा ने बगावत कर दी. अलग स्टैंड लिया और पार्टी से किनारा कर लिया. 

वापस कांग्रेस में लौटी अलका लांबा को चांदनी चौक से टिकट मिला है. जहां इस वक्त कोई मौजूदा एमएलए नहीं है. क्योंकि अल्का लांबा 'आप' के टिकट पर जीतकर पिछले चुनावों में वहां से एमएलए बनी थी, लिहाज़ा उनके पार्टी छोड़ने के बाद सीट खाली है. 

कांग्रेस के प्रह्लाद को 'आप' ने अपनाया
चांदनी चौक की सीट इस बार अपनी चटोरी गलियों की ही तरह चटखारे वाले गणित के साथ सबसे अहम सीट है. कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते आए प्रहलाद सिंह साहनी इस बार 'आप' के टिकट पर मैदान में हैं.  यानी पाले बदले गए हैं, चेहरे वही हैं. 

भाजपा का पुराने उम्मीदवार पर भरोसा
व्यापारियों की बहुलता वाले चांदनी चौक में बनिया समाज से आने वाले सुमन गुप्ता को भाजपा ने टिकट दिया है. हालांकि पिछली बार वो अल्का लांबा से तकरीबन 18 हज़ार वोट से हार चुके हैं. लेकिन इस बार पार्टी ने फिर से उनपर ही भरोसा जताया है. सुमन गुप्ता को फिर से टिकट देने का फैसला भाजपा के लिए अच्छे परिणाम ला सकता है. 

ये हैं चांदनी चौक के मुद्दे
चांदनी चौक में इस बार के चुनाव में दो अहम मुद्दे हैं. शाहजहांनाबाद रि-डेवलेपमेंट प्लान को अमल में लाने यानी चांदनी चौक की सूरत बदलने के चक्कर में लालकिले से फतेहपुरी मस्जिद वाली पूरी सड़क पर खुदाई हो चुकी है. महीनों से बदहाल ये सड़क व्यापारियों और पर्यटकों के लिए मुसीबत बन चुकी है. यहां तो चलना फिरना ही मुहाल है, लिहाज़ा ग्राहक दूर हैं. 

हालत ये हो गई है कि शादियों के सीज़न में भी व्यापारी नुकसान में चल रहे हैं. ऐसे में व्यापारियों में सरकार को लेकर नाराज़गी है, वहां रहने वाले मध्य वर्ग के लोग भी आम आदमी पार्टी से खास खुश नहीं है.  

लेकिन दूसरा पहलू भी है- आम आदमी, गरीब तबके और मुस्लिम बहुल सीट का. जो कि आम आदमी पार्टी पक्ष में दिखाई देते हैं. लेकिन ये कोई आखिरी बात नहीं है. क्योंकि जमीनी स्तर पर चुनावी राजनीति आखिरी मौके पर करवट लेती है. 

चटखारे और मुगलकाल वाली पुरानी दिल्ली का चांदनी चौक इस बार किस पार्टी के खेमें में खुशियां बिखेरेगा, 11 फरवरी से पहले ये भविष्यवाणी कर पाना किसी भी राजनीतिक पंडित के लिए आसान नहीं है. 

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