किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता, 'मरकज जैसे हो सकते हैं हालात'

किसान आंदोलन (Farmer Protest) पर देश की सर्वोच्च न्याायालय ने चिंता जाहिर की है, चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने साफ-साफ कहा है कि अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो निजामुद्दीन मरकज जैसे हालात हो सकते हैं..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 7, 2021, 04:53 PM IST
  • किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
  • निजामुद्दीन मरकज़ जैसे हो सकते हैं हालात- SC
किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता, 'मरकज जैसे हो सकते हैं हालात'

नई दिल्ली: किसानों के आंदोलन का आज 43वां दिन है, सरकार के विरोध में किसान ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं. किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चिंता जताई है. चीफ जस्टिस ने कहा कि आंदोलन में अगर नियमों का पालन नहीं हुआ तो मरकज जैसे हालात हो सकते हैं. साथ ही अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश जारी किया है.

जमात की तरह संक्रमण फैलने का खतरा

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने प्रदर्शनकारी किसानों के जमावड़ा को देखते हुए कोविड (COVID) संक्रमण फैलने की आशंका जताई है. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या किसान जरूरी एहतियाती कदम उठा रहे हैं? सरकार के इनकार करने के बाद CJI जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े (Sharad Arvind Bobde) ने कहा कि हम चिंतित हैं, ये निजामुद्दीन तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) की तरह संक्रमण फैलने का खतरा बन सकता है.

कोर्ट ने ये टिप्पणी निजामुद्दीन मरकज मामले में CBI जांच की मांग की सुनवाई के दौरान की. याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया था कि पुलिस (Police) अभी तक मौलाना साद को खोज नहीं पाई है. इस पर Supreme Court ने सरकार से जवाब मांगा है. साथ ही सुनवाई के दौरान किसान प्रदर्शन से भी ऐसे हालात पैदा होने की आशंका जाहिर की.

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कोविड-19 के दौरान बड़ी संख्या में किसानों के जमावड़े पर न्यायालय चिंतित है. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए ये चिंता जाहिर की है. दरअसल, पिछले साल कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिये लागू हुए लॉकडाउन के दौरान आनंद विहार बस अड्डे और निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने की घटना की CBI जांच के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान किसानों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है.

कोविड नियमों का पालन होना चाहिए: SC

अदालत ने कहा कि किसानों के आंदोलन (Farmer Protest) से वैसी ही समस्या पैदा होने जा रही है. हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि क्या किसान COVID से सुरक्षित हैं, वही समस्या फिर पैदा होने जा रही है. ऐसा नहीं है कि सब कुछ बीत गया है. याचिकाकर्ता के वकील ओम प्रकाश परिहार ने अदालत में पूछा कि मरकज का मुखिया मौलाना साद अभी तक गिरफ्तारी से बच रहा है. इसपर अदालत ने जवाब देते हुए कहा कि आपकी दिलचस्पी सिर्फ एक व्यक्ति में क्यों है? हम कोविड के मुद्दे पर हैं, आप क्यों विवाद चाहते हैं? हमारा मानना है कि कोविड नियमों का पालन होना चाहिए.

किसानों की 4 प्रमुख मांगें

1- तीनों कृषि कानून ख़त्म हों: सरकार तैयार नहीं

2- MSP पर कानूनी गारंटी मिले: सरकार तैयार नहीं

3- पराली पर बने कानून में संशोधन हो: सरकार तैयार

4- विद्युत संशोधन विधेयक में बदलाव हो: सरकार तैयार

तेज हो रहा है किसानों का आंदोलन

सिंघु बॉर्डर से टीकरी बॉर्डर की तरफ किसान बढ़ चुके हैं. टीकरी बॉर्डर से कुंडली की ओर भी किसान आगे बढ़ चुके हैं. ये किसान सांपला और कुंडली के मिड प्वाइंट तक रैली निकाल रहे हैं. यहां से ये वापस अपने शुरुआती बिंदू तक लौट आएंगे. इसके अलावा राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर से रैली निकाली. गाजीपुर से पलवल के लिए किसान निकल चुके हैं और रेवासन से भी किसान पलवल के लिए निकल गए हैं. ये किसान पलवल से वापस शुरुआती प्वाइंट पर लौटेंगे.

किसानों की आगे की रणनीति 

  1. आज से दो हफ्ते तक 'देश जागरण अभियान'
  2. देश के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रम 
  3. 9 जनवरी से हरियाणा में गांव-गांव अभियान
  4. किसान संगठनों के नेता गांव वालों से मिलेंगे
  5. 'हर घर से एक सदस्य को आंदोलन में शामिल हो'
  6. 26 जनवरी के आंदोलन की व्यापक तैयारी
  7. 15 जनवरी को हरियाणा से किसानों का दिल्ली मार्च
  8. दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर पहुंचेंगे किसान
  9. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर बड़ा प्रदर्शन
  10. ट्रैक्टर रैली के जरिए किसानों का शक्ति प्रदर्शन

26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड करेंगे, आज की ट्रैक्टर रैली को उसी परेड की रिहर्सल माना जा रहा है. इधर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि बातचीत से समाधान जरूर निकलेगा. 8 जनवरी को सरकार 8वें दौर की वार्ता करेगी और इसके बाद 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई होगी.

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