Sankashti Chaturthi: आज है संकष्टी चतुर्थी, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Sankashti Chaturthi: आज संकष्टी चतुर्थी है. यह हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध त्योहार है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूजनीय माना गया है. उन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 18, 2022, 10:47 PM IST
  • जानिए क्या है संकष्टी चतुर्थी?
  • ये है संकष्टी चतुर्थी का महत्व
Sankashti Chaturthi: आज है संकष्टी चतुर्थी, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

नई दिल्लीः Sankashti Chaturthi: आज संकष्टी चतुर्थी है. यह हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध त्योहार है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूजनीय माना गया है. उन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है. 

भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता और संकट मोचन भी कहा जाता है. वैसे तो हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए ढेरों व्रत-उपवास आदि किए जाते हैं, लेकिन भगवान गणेश के लिए किए जाने वाला संकष्टी चतुर्थी व्रत काफी प्रचलित है.

क्या है संकष्टी चतुर्थी?
संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी. संकष्टी संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना.’

इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की आराधना करता है. पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है. इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चंद्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं. संकष्टी चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है.

संकष्टी चतुर्थी का महत्व
संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है. ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. चंद्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है. सूर्योदय से प्रारंभ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है. पूरे साल में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं.

संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
आज के दिन व्रत रखें. घर में दीया जलाएं. गणेश जी का गंगा जल से अभिषेक करें. उन्हें फूल, दूर्वा घास चढ़ाएं. सिंदूर लगाएं.  मोदक का भोग लगाएं. उनका ध्यान करें. गेश जी की आरती करें. शाम को चांद के दर्शन करने के बाद व्रत खोलें.

 

आज का पंचांग
ज्येष्ठ - कृष्ण पक्ष - चतुर्थी तिथि - गुरुवार
नक्षत्र - मूल 
महत्वपूर्ण योग - साध्य योग 
चंद्रमा का धनु राशि पर संचरण

आज का शुभ मुहूर्त - 11.52 बजे से 12.35 तक
राहुकाल - 01.34 बजे से 02.55 बजे तक

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