DNA: इजरायल-अरब युद्ध की 'चिंगारी' का 'Trailer'! इराक में किसके टारगेट पर ईरान समर्थित ग्रुप?
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DNA: इजरायल-अरब युद्ध की 'चिंगारी' का 'Trailer'! इराक में किसके टारगेट पर ईरान समर्थित ग्रुप?

Israel-Iran Tension: इजरायल के दुश्मनों का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे ऐसा लगने लगा है कि इतिहास खुद को दोहरा सकता है. क्योंकि, मई 1967 में इजरायल और अरब देशों के बीच जंग हो चुकी है.

DNA: इजरायल-अरब युद्ध की 'चिंगारी' का 'Trailer'! इराक में किसके टारगेट पर ईरान समर्थित ग्रुप?

Israel-Iran Tension: इजरायल के दुश्मनों का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे ऐसा लगने लगा है कि इतिहास खुद को दोहरा सकता है. क्योंकि, मई 1967 में इजरायल और अरब देशों के बीच जंग हो चुकी है. तब अकेले इजरायल ने एक साथ आठ देशों के खिलाफ युद्ध लड़ा था और सिर्फ 6 दिन में अरब देशों को हरा दिया था.

युद्ध अरब देशों तक फैलने लगा है..

इस बार हमास के खिलाफ शुरू हुआ युद्ध अरब देशों तक फैलने लगा है. इसकी वजह ये कि शनिवार की सुबह इराक के बगदाद से करीब 50 किलोमीटर दूर इस्कंदरिया शहर के पास हमला हुआ. हमले में PMF यानी पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स के हेडक्वार्टर को निशाना बनाया गया , इराकी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन हवाई हमले लड़ाकू विमान F-35 से किये गये.

- हमले बगदाद के पास PMF के एक वेयरहाउस को निशाना बनाकर किये गये थे

- हमले में PMF के संसाधनों, हथियारों, मिलिट्री व्हीकल को निशाना बनाया गया

- हवाई हमले एक शख्स मारा गया, जबकि 8 लोगों के घायल होने की ख़बर है

मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा

इराक की राजधानी के करीब हुए इस हमले से मिडिल ईस्ट में तनाव फिर बढ़ गया है. PMF ने हमले का आरोप अमेरिका पर लगाया है. लेकिन बगदाद के पास हमला करने से अमेरिका ने इनकार किया है. इजरायल ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. लेकिन जानकारों का मानना है कि जिस तरह से इस महीने की पहली तारीख को सीरिया के दमिश्क शहर में ईरान के वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाया गया था, उसी तरह इराक में PMF के हेडक्वार्टर पर टारगेट करके हमला किया गया है. ऐसे में अंदेशा है कि इस हमले के पीछे इजरायल हो सकता है.

PMF का कनेक्शन ईरान से

इजरायल, हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ने के बाद से दूसरे देशों में सक्रिय अपने दुश्मनों इसी तरह निपटा रहा है. जिस PMF नाम के सैन्य संगठन पर हमला किया गया है, उसका कनेक्शन ईरान से जुड़ा हुआ है. और इस समय इजरायल-ईरान के बीच तैनाव चरम पर है. इस हमले से एक दिन पहले ही इजरायल ने ईरान के इस्फहान शहर को निशाना बनाया था. ऐसे में आपके लिए PMF के बारे में जानना जरूरी है.

- PMF का पूरा नाम पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स है. ये इराक का एक हथियारबंद संगठन है, जिसे ईरान का समर्थन हासिल है.

- PMF को वर्ष 2014 में ISIS आतंकियों से लड़ने के लिए बनाया गया था, जो बाद में इराकी गृह मंत्रालय से जुड़ी सेना बन गई.

- PMF ने सीरिया में स्वतंत्र रूप से काम करना शुरू कर दिया है, जो वहां मिसाइलों और ड्रोन को जमा करने में लगा है.

- इस समय PMF में एक लाख से ज्यादा लड़ाके शामिल हैं, जिन्होंने पिछले कुछ महीनों में इराक और सीरिया में मौजूद अमेरिकी सैनिकों पर हमले किये हैं.

- हमलों को लेकर PMF ने कहा था कि अमेरिका हमास के खिलाफ जंग में इजरायल का साथ दे रहा है, इसलिए अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाया.

हमास को PMF का समर्थन

यानी एक तरह से PMF भी खुले तौर पर हमास का समर्थन करता है, इस वजह से इजरायल और अमेरिका को अपना दुश्मन मानता है. ऐसे में अगर, PMF के हेडक्वार्टर पर हमले के पीछे इजरायल है, तो ये अरब देशों में युद्ध की चिंगारी का सिग्नल है. क्योंकि, इराक के गृह मंत्रालय ने PMF को मान्यता दी हुई है और PMF इराक में सेना की तरह काम करता है.

ईरान और इजरायल का तनाव चरम पर

मौजूदा समय में इजरायल हमास के खिलाफ घोषित तौर पर युद्ध लड़ रहा है, जबकि ईरान और इजरायल का तनाव चरम पर है. इन सबसे अलग कई अरब देश भी अघोषित तौर पर इजरायल को टारगेट करके हमले रहे हैं. क्योंकि, इजरायल पर हमले इन अरब देशों में सक्रिय विद्रोही गुटों के जरिये किये जा रहे हैं. जैसे..

- गाजा पट्टी में आतंकी हमास सक्रिय है, उसी तरह फिलिस्तीन में PIJ यानी फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद एक्टिव है.

- इनके अलावा इराक में PMF एक्टिव है, जबकि सीरिया में अल नुसरा फ्रंट सक्रिय है.

- लेबनान में इजरायल के खिलाफ हिजबुल्लाहस और यमन में इस समय हूती विद्रोही इजरायल के खिलाफ हमलावर हैं.

हमास के समर्थन में इजरायल को निशाना बना रहे

अरब देशों में सक्रिय ये आतंकी संगठन हमास के समर्थन में इजरायल को निशाना बना रहे हैं. इन आतंकी संगठनों को खुलेतौर पर ईरान का समर्थन हासिल है. इसलिए इजरायल भी पलटवार करता रहता है. इजरायल का हमेशा यही कहना रहा है कि वो आतंकी समूहों को निशाना बनाकर हमला करता है. हालांकि, इससे इजरायल-अरब युद्ध की चिंगारी किसी भी समय सुलग सकती है.

PIJ भी इजरायल पर हमले का मौका नहीं छोड़ता

गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजरायल का युद्ध किस स्तर पर पहुंच चुका है, वो दुनिया से छिपा नहीं है. क्योंकि, इजरायल ने गाजा को जिस तरह से तबाह किया है और हमास आतंकियों को खत्म किया है उसकी तस्वीरें कई बार सामने आ चुकी हैं. लेकिन फिलिस्तीन में सक्रिय आतंकी संगठन PIJ भी इजरायल पर हमले का मौका नहीं छोड़ता. PIJ ऐसा आतंकी संगठन है जिसका प्रभाव वेस्ट बैंक में भी है.

- PIJ यानी फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद, हमास के बाद गाजा में दूसरा सबसे बड़ा आतंकी संगठन है.

- PIJ हमेशा इस्लामी-फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना करते हुए इजराइल का विरोध करता रहा है

- इस आतंकी संगठन को सीरिया और ईरान का समर्थन हासिल है, 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले में हमास का साथ दिया था.

-PIJ की मिलिट्री विंग अल-कुद्स ब्रिगेड ने वर्ष 1990 से कई बार इजरायल पर हमले भी किए हैं

लेबनान भी इजरायल के खिलाफ

इनसे अलग अरब देश लेबनान भी इजरायल के खिलाफ युद्ध का मोर्चा खोलने के लिए बेचैन दिखाई देता है. लेबनान में आतंकी संगठन हिजबुल्लाह एक्टिव है, जिसने हमास को अपना समर्थन देने का ऐलान किया था. और इसीलिए आए दिन हिजबुल्लाह की तरफ से इजरायल पर मिसाइल अटैक किये जाते हैं. जिसका पलटवार भी इजरायल की तरफ से किया जाता है.

- हिजबुल्लाह का मकसद इजरायल को खत्म करना है, हिजबुल्लाह के पास इस समय 45 हजार लड़ाके हैं.

- इनमें से एक्टिव लड़ाकों की संख्या 20 हजार बताई जाती है, जबकि 25 हजार रिजर्व लड़ाके भी तैयार हैं.

- हिजबुल्लाह की कुल कमाई 70 करोड़ डॉलर है, इसके लड़ाकों को ईरान हथियार चलाने की ट्रेनिंग देता है.

- हिजबुल्लाह के पास एक लाख से ज्यादा मिसाइलें बताई जाती हैं, जिनका इस्तेमाल इजरायल के खिलाफ किया जाता है.

लेबनान अघोषित तौर पर हमास का साथ दे रहा

बिना लेबनान की सरकार की सहमति के हिजबुल्लाह इजरायल पर हमले नही कर सकता, लेकिन लेबनान अघोषित तौर पर हमास का साथ दे रहा है. यही वजह है कि हिजबुल्लाह हमलों को अंजाम देता है. यमन भी अरब देश है, यहां से भी मौजूदा समय में इजरायल को टारगेट किया जा रहा है. इस अरब देश में हूती विद्रोही सक्रिय हैं जिन्हें ईरान का समर्थन मिला हुआ है. हमास के खिलाफ जंग शुरू होने के बाद से हूती विद्रोहियों की तरफ से इजरायल पर हमले किये गये हैं. लाल सागर में इजरायल के व्यापारिक जहाजों को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें की गई.

- हूती विद्रोही ईरान की तरह शिया संप्रदाय को मानते हैं, इनका उत्तरी यमन के ज्यादातर इलाकों पर कब्जा है.

- वर्ष 2015 में यमन की राजधानी सना पर हू​ती विद्रोहियों ने कब्ज़ा किया था, सऊदी अरब हूती विद्रोहियों के खिलाफ है.

- शिया बहुल ईरान पर हूती विद्रोहियों को हथियार और धन मुहैया कराने के आरोप लगते हैं.

इजरायल-अरब युद्ध भड़क सकता है

एक तरह से अरब देशों में सक्रिय आतंकी संगठनों ने इजरायल के खिलाफ वॉर फ्रंट खोल दिया है, अगर इजरायल खुलकर युद्ध ऐलान कर दे तो इजरायल-अरब युद्ध भड़क सकता है. और इस युद्ध की जमीन अरब देशों में सक्रिय आतंकी संगठन तैयार कर रहे हैं. इजरायल-अरब युद्ध की यही चिंगारियां शोला बनी तो नतीजे बेहद भयानक होंगे. जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल होगा. 7 अक्टूबर 2023 के बाद इजरायल ने गाजा में हमास के खिलाफ जंग शुरू की थी, लेकिन समय के साथ ये जंग अरब सागर से लेकर दुनिया के चार देशों में फैल चुकी है. हालांकि, इजरायल और अमेरिका की दलील है कि वो दूसरे देशों में हमास, हिजबुल्लाह और दूसरे आतंकी संगठनों को निशाना बना रहे हैं. जो हमास का समर्थन कर रहे हैं.

- गाजा के बाद इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले किये, इन हमलों की वजह ये थी कि हमास के हमलों के बाद लेबनान की तरफ से भी इजरायल पर हमले किये गये.

- अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले करना शुरू किया, वजह ये बताई गई कि यमन में अटैक कर वो अरब सागर में जहाजों पर हो रहे हमलों का बदला ले रहे हैं.

- इजरायल ने सीरिया के दमिश्क में एक इमारत पर एयरस्ट्राइक की, इसमें ईरानी सेना के 7 अधिकारी मारे गए.

- पश्चिम इराक में अमेरिका के एयरबेस पर ईरान के समर्थन वाले शिया गुट ने हमला किया, इस हमले की वजह बताई गई कि इजरायली एयरस्ट्राइक में मारे गए ईरानी सैनिकों की मौत का बदला लिया गया है.

- अरब सागर में यमन के हूती विद्रोहियों ने अरब सागर में जहाजों पर हमले शुरू किये, हमलों की वजह गाजा का समर्थन करना था. हूती विद्रोहियों का कहना था कि जबतक इजरायल हमले नहीं रोकेगा वो अटैक जारी रखेंगे.

दुनिया में युद्ध का तीसरा मोर्चा खुल सकता

हमास के खिलाफ इजरायल की जंग को 6 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है, और जिस तरीके से जंग का दायरा बढ़ता जा रहा है. उससे साफ है कि अब किसी भी समय इजरायल और अरब देश भी आपस में टकरा सकते हैं. जिससे दुनिया में युद्ध का तीसरा मोर्चा खुल सकता है. और पांच दशक पहले का जंगी इतिहास भी दोहराया जा सकता है.

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