आतंकी पनाहगाहों पर अमेरिकी चिंता के बीच पाकिस्तानी पीएम से मिले जेम्स मैटिस
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आतंकी पनाहगाहों पर अमेरिकी चिंता के बीच पाकिस्तानी पीएम से मिले जेम्स मैटिस

मैटिस की यह यात्रा अमेरिका की इस चिंता के बीच हो रही है कि पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवादियों की पनाहगाहों को नष्ट करने के लिए जरूरी कार्रवाई नहीं कर रहा है.

अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस. (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने सोमवार (4 दिसंबर) को यहां पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और आतंकवाद के खिलाफ युद्ध तथा द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की. उनकी यह यात्रा अमेरिका की इस चिंता के बीच हो रही है कि पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवादियों की पनाहगाहों को नष्ट करने के लिए जरूरी कार्रवाई नहीं कर रहा है. उल्लेखनीय है कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के सरगना हाफिज सईद को हाल ही में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया. अपनी पहली पाकिस्तान यात्रा पर आए मैटिस ने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से मुलाकात की.

  1. मैटिस मिस्र, जॉर्डन, कुवैत और पाकिस्तान के पांच दिन के दौरे पर हैं.
  2. आतंकी हाफिज सईद को हाल ही में पाकिस्तान कोर्ट ने रिहा किया है.
  3. आतंकी हाफिज सईद पर अमेरिका ने 1 करोड़ का ईनाम रखा है.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने यहां एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने दोहराया कि पाकिस्तान में कोई पनाहगाह नहीं है और पूरा देश आतंकवाद को समाप्त करने के अपने संकल्प पर कायम है. अब्बासी ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता से सबसे ज्यादा फायदा पाकिस्तान को ही होगा. बयान के अनुसार मैटिस ने कहा कि उनकी यात्रा का मकसद पाकिस्तान के साथ सकारात्मक, स्थायी और दीर्घकालिक संबंधों के लिए साझा जमीन तैयार करना है.

मैटिस ने पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से भी मुलाकात की. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त में अपनी नई अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया नीति की घोषणा की थी. इसमें उन्होंने अफगान तालिबान को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर जिम्मेदार बताया था जिसके बाद से अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में गिरावट आई है.

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इससे पहले अमेरिका के खुफिया प्रमुख ने कहा है कि भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ आतंकवादियों को इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की नीति नहीं बदली है और वहां आतंकवादी पनाहगाहों की खत्म करने के लिए वॉशिंगटन हरसंभव कदम उठाएगा. सीआईए निदेशक माइक पोम्पेव ने कैलीफोर्निया में सप्ताहांत में रीगन नेशनल डीफेंस फोरम से कहा कि यह संदेश रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस को पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं के साथ अपनी मुलाकात में उन्हें देने की जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने कहा, ‘...यह सुनिश्चित करने के लिए हम हर चीज करने जा रहे हैं कि सुरक्षित पनाहगाह (आतंकवादियों के) अब नहीं रहेंगे.’ 

वहीं, सीआईए के पूर्व निदेशक लियोन पनेटा ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से एक समस्या रहा है. उन्होंने कहा, 'आतंकवादियों के लिए यह एक सुरक्षित पनाहगाह है जो सीमा पार करते हैं, अफगानिस्तान में हमले करते हैं और फिर वापस पाकिस्तान में जाते हैं. हमने पाकिस्तान को समझाने की हर संभव कोशिश की है. लेकिन पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं है.' पनेटा ने कहा कि आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान के पास इस तरह का दोहरा मानदंड है. एक ओर तो वे आतंकवाद को पसंद नहीं करते, वहीं दूसरी ओर वे अफगानिस्तान और भारत से निपटने में आतंकवादियों का इस्तेमाल करने में कुछ नहीं सोचते. उनकी यही नीति है. उन्होंने कहा कि इसलिए पाकिस्तान हमेशा से एक सवालिया निशान रहा है.

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