मर्डर के 10505 मामलों में दोषी पाई गई महिला टाइपिस्ट, सजा मिली बस दो साल!
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मर्डर के 10505 मामलों में दोषी पाई गई महिला टाइपिस्ट, सजा मिली बस दो साल!

Germany News: कोर्ट में दोषी ठहराये जाने के बाद दोषी महिला टाइपिस्ट ने कहा, 'जो कुछ भी हुआ उसके लिए मुझे खेद है. मुझे इस बात का दुख है कि मैं उस दौरान स्टुट्थोफ में थी. मैं इस एज में फिलहाल इतना ही कह सकती हूं.'

Photo: Twitter

Nazi typist proved guilty in 10505 murders: पोलैंड (Poland) के एक कंसंट्रेशन कैंप में काम करने वाली 97 वर्षीय पूर्व नाजी टाइपिस्ट और स्टेनोग्राफर को होलोकॉस्ट के दौरान 10,505 लोगों की हत्या में शामिल होने का दोषी ठहराया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इरगार्ड फर्चनर को जर्मनी के इत्जेहो की एक अदालत ने मंगलवार को दो साल की निलंबित जेल की सजा सुनाई.

मौत के कैंप में 2 साल रही तैनात

नाबालिग उम्र में फर्चनर ने नाजी कब्जे वाले पोलैंड में ग्दान्स्क के पास स्टटथोफ कैंप में 1943 से 1945 में नाजी शासन के अंत तक काम किया था. चूंकि अपराध के समय महिला नाबालिग थी. इसलिए, फर्चनर को सजा के लिए किशोर अदालत में पेश किया गया और उसे जुवेलाइन प्रोवेशन में रखा जाएगा.

नरसंहार में गई थी 65000 से ज्यादा लोगों की जान

स्टुट्थोफ में लगभग 65,000 लोग भयानक परिस्थितियों में मारे गए थे, जिनमें यहूदी कैदी, गैर-यहूदी ध्रुव और कैद किए गए सोवियत सैनिक शामिल थे. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, फर्चनर को 10,505 लोगों की हत्या में मदद करने और हत्या के लिए उकसाने और पांच अन्य की हत्या के प्रयास में मिलीभगत का दोषी पाया गया.

गैस चेंबर में मार दिए गए लोग

स्टुट्थोफ में, जून 1944 से कैदियों की हत्या करने के लिए कई तरह के तरीकों का इस्तेमाल किया गया और गैस चैंबरों में हजारों लोग मारे गए. सितंबर 2021 में जब ट्रायल शुरू हुआ, तो फर्चनर अपने रिटायरमेंट होम से भाग गई और अंतत: हैम्बर्ग की एक सड़क पर पाई गई.

अदालत में अपने संबोधन में, फुर्चनर ने कहा: जो कुछ भी हुआ उसके लिए मुझे खेद है. मुझे खेद है कि मैं उस समय स्टुट्थोफ में थी. मैं बस इतना ही कह सकती हूं. 

बीबीसी ने बताया कि उसका मुकदमा जर्मनी में नाजी-युग के अपराधों में अंतिम हो सकता है, हालांकि कुछ मामलों की अभी भी जांच की जा रही है. स्टुट्थोफ में किए गए नाजी अपराधों के लिए हाल के वर्षों में दो अन्य मामले अदालत में गए हैं.

(इनपुट: IANS)

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