पाक ने अफगानिस्तान में भारत के रोल को बताया 'जीरो', डोनाल्ड ट्रंप ने की थी तारीफ
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पाक ने अफगानिस्तान में भारत के रोल को बताया 'जीरो', डोनाल्ड ट्रंप ने की थी तारीफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अफगानिस्तान में शांति और स्थायित्व लाने में भारत से और सहयोग की मांग के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान में भारत के लिए कोई राजनीतिक या सैन्य भूमिका नजर नहीं आ रही है.

अफगानिस्तान में नहीं दिखती भारत की भूमिका (फोटो-सोशल मीडिया से)

न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अफगानिस्तान में शांति और स्थायित्व लाने में भारत से और सहयोग की मांग के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान में भारत के लिए कोई राजनीतिक या सैन्य भूमिका नजर नहीं आ रही है. ट्रंप ने अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया के लिए नई नीति की घोषणा करने के दौरान आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की थी. इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत से अफगानिस्तान को और आर्थिक सहायता देने और विकास में मदद की मांगी की थी.

  1. अफगानिस्तान में नहीं दिखती भारत की भूमिका
  2. भारत चाहे तो अफगानिस्तान में करे आर्थिक मदद
  3. अमेरिका से संबंध आगे बढ़ाना चाहता है पाक

अफगानिस्तान में भारत की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर अब्बासी ने कहा, ‘‘शून्य’’. उन्होंने कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान में भारत के लिए कोई राजनीतिक या सैन्य भूमिका नहीं देख रहे हैं. मेरा मानना है कि यह स्थिति को और जटिल बना देगा और इससे कोई हल नहीं निकलेगा. तो अगर वे आर्थिक सहयोग देना चाहते हैं तो यह उनका विशेषधिकार है, लेकिन हम अफगानिस्तान में न तो भारत की किसी भी राजनीतिक या सैन्य भूमिका को देख रहे हैं और न ही स्वीकार करते हैं.’’ 

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अफगानिस्तान में भारत को निवेशक के तौर पर देखे जाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा, ‘‘यह उन पर निर्भर है. सभी देशों को एक दूसरे के साथ व्यापार करने, निवेश करने का हक है. इसलिए अगर वे ऐसा करना चाहते हैं तो कर सकते हैं भारत ने पहले भी अफगानिस्तान में निवेश किया है.’’ 

अब्बासी ने आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बीच संबंध वाले प्रश्न को सिरे से खारिज कर दिया. पाक प्रधानमंत्री ने कहा ,‘‘...हम किसी संगठन की किसी भी गतिविधि को पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी खतरा पैदा करने या अन्य देशों में इसे फैलाने की अनुमति नहीं देते.’’ उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य देश से ज्यादा पाकिस्तान चाहता है कि अफगानिस्तान में शांति हो.

अब्बासी ने कहा, ‘‘यह धारणा कि वहां (आतंकवादियों ) पनाहगाहें हैं, यह सही नहीं है. हमने अपनी ही जमीन में दुश्मन को शिकस्त दी है. हमने पानहगाहें नष्ट की है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘और आज अगर सीमा पार से हमले होते हैं तो वह अफगानिस्तान से पाकिस्तान में हमारे बलों पर हमले करने के लिए होते हैं.’’ पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों और हाफिज सईद जैसे आतंकवादी की मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर अब्बासी ने कहा कि वह प्रतिबंधित संगठन से ताल्लुक रखता है.

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उन्होंने कहा, ‘‘हमने उसके खिलाफ कार्रवाई की है. वह नजरबंदी में है. हाल में हुए उप चुनाव में उम्मीदवारों ने पोस्टरों में उसकी फोटो लगाई है, जो कि गैरकानूनी है और चुनाव आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा.’’ पाक प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने पहले भी कार्रवाई की हैं और जहां जरूरी होगा कार्रवाई करेंगे. वह (सईद) दो तीन वर्ष से हिरासत में है. अब्बासी ने न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तान मतभेदों के बावजूद अमेरिका के साथ संबंधों को आगे बढ़ाना चाहता है.

उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा संबंध है जो अफगानिस्तान से भी आगे जाते हैं. यह 70 वर्ष पुराने हैं और हम इसे उन्हीं संदर्भ में देखते हैं. हम चाहते हैं कि यह संबंध आगे बढ़ें. और इस प्रक्रिया में हम कोई बाधा नहीं देख रहे हैं.’’

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