Russia-Ukraine Prisoner Exchange: रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच एक पिटबुल (Pitbull) डॉग को लेकर तनातनी बनी हुई थी. मोरियोपोल पर हमले के बाद रूसी सैनिक डॉग को अपने साथ यूक्रेन से ले गए थे.
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Ukrainian Pit Bull Dog Exchange: रूस-यूक्रेन के बीच जंग (Russia-Ukraine War) जारी है. हालांकि, रूस (Russia) की तरफ से हुए हमलों में यूक्रेन (Ukraine) का काफी नुकसान हुआ है और कई शहर तबाह हो गए हैं. लेकिन फिर भी यूक्रेन, रूस के सामने झुकने को तैयार नहीं है. यूक्रेन, रूस को लगातार टक्कर दे रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसको जानने के बाद हर कोई हैरान है. यूक्रेनी लोगों ने आरोप लगाया है कि युद्ध के दौरान रूसी सैनिक उनका एक पिटबुल डॉग चुरा ले गए थे. यूक्रेन के लोगों की तरफ से इसका जमकर विरोध किया गया है. हालांकि, न्यू ईयर के मौके पर कैदी एक्सचेंज में पिटबुल डॉग को रूस की तरफ से यूक्रेन को वापस कर दिया गया. आइए जानते हैं कि रूस-यूक्रेन के बीच एक डॉग को लेकर इतना बवाल क्यों हुआ?
रूसी सैनिकों ने चुराया 'कुत्ता'
द सन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों ने दावा किया कि यूक्रेन से पिटबुल डॉग चुराए जाने के बाद उसको रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक साथी को दिया गया था. हालांकि अब इस पिटबुल डॉग की वापसी यूक्रेन में हो चुकी है. बताया जा रहा है कि पिटबुल डॉग एडिक (Adik) को जून, 2022 में रूसी सैनिकों ने चुरा लिया था और चेचन्या के लीडर रमजान कादिरोव (Ramzan Kadyrov) को एक ट्रॉफी के तौर पर दे दिया था.
यूक्रेनी सैनिकों की मदद कर रहा था पिटबुल
बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध के 310वें दिन दोनों देशों के बीच कैदियों का हस्तांतरण हुआ. दावा है कि पिटबुल डॉग एडिक को मारियोपोल से रूसी सैनिक ले गए थे. जब रूस ने मारियोपोल में आयरन एंड स्टील वर्क्स पर हमला किया था तो यह डॉग यूक्रेनी सैनिकों की रक्षा में मदद कर रहा था. पर रूसी सैनिकों ने पिटबुल डॉग को पकड़ लिया और अपने साथ लिए चले गए.
यूक्रेन में हुई पिटबुल की वापसी
यूक्रेन का दावा है कि चेचन्या के लीडर रमजान कादिरोव ने पिटबुल डॉग का नाम बदल दिया था, लेकिन अब एडिक की अपने देश में वापसी हो चुकी है. पिटबुल डॉग एडिक की यूक्रेन वापसी पर वहां के लोगों ने खुशियां मनाई और सोशल मीडिया पर इसको लेकर कई पोस्ट किए.
बता दें कि कैदी एक्सचेंज में रूस ने यूक्रेन के 140 कैदी छोड़े हैं जिन्हें युद्ध के दौरान बंदी बनाया गया था. इन 140 कैदियों में 132 पुरुष और 8 महिलाएं हैं. हालांकि, जिस जगह पर दोनों देशों ने कैदियों की अदला-बदली की, उसका खुलासा अभी नहीं किया गया है.