अगर यूक्रेन में घुसा रूस तो इन लोगों को दी जाएगी शर्तिया मौत, हिट लिस्‍ट तैयार
Advertisement

अगर यूक्रेन में घुसा रूस तो इन लोगों को दी जाएगी शर्तिया मौत, हिट लिस्‍ट तैयार

अमेरिका ने रूस को लेकर बड़ा दावा किया है. उसका कहना है कि यदि रूसी सेना यूक्रेन पर आक्रमण करती है, तो बड़े पैमाने पर कत्लेआम मचाएगी. सेना ने बाकायदा एक हिट लिस्ट भी तैयार कर ली है, जिसमें उन लोगों के नाम हैं जिन्हें निशाना बनाना है. 

फाइल फोटो: Armyupress

वॉशिंगटन: रूस यदि यूक्रेन (Russia-Ukraine) पर आक्रमण करता है, तो बड़े पैमाने पर कत्लेआम मचाएगा. अमेरिका (America) का दावा है कि रूस ने हिट लिस्ट (Hit List) तैयार कर ली है. उसके निशाने पर आलोचक, मॉस्को विरोधी और यूक्रेन का कमजोर तबका है. रूसी सेना चुन-चुनकर इन लोगों को मौत के घाट उतारेगी. हालांकि, रूस ने इसका खंडन किया है. बता दें कि रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दो प्रांतों को अलग देश के रूप में मान्यता देने के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध लगभग तय माना जा रहा है.

  1. अमेरिका की प्रतिनिधि राजदूत का दावा
  2. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त को लिखा पत्र
  3. रूस विरोधियों को बनाया जाएगा निशाना

US ने लेटर लिख जताई आशंका

हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में वॉशिंगटन पोस्ट के हवाले से छपी खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में अमेरिका की प्रतिनिधि राजदूत बाथशेबा नेल क्रोकर (Bathsheba Nell Crocker) ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट (Michelle Bachelet) को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने दावा किया है कि रूस की योजना यूक्रेन में बड़े पैमाने पर कत्लेआम की है.

ये भी पढ़ें -पुतिन को भारी न पड़ जाए 'मास्टरस्ट्रोक', US-UK सहित कई देश एक्शन में आए

नाम के साथ तैयार की List

राजदूत (Ambassador) ने पत्र में लिखा है, 'हमारे पास विश्वसनीय जानकारी है जो दर्शाती है कि रूसी सेना एक हिट लिस्ट तैयार की है, जिसे यूक्रेन पर हमले बाद अमल में लाया जाएगा. इसमें उन लोगों के नाम हैं, जिन्हें मौत के घाट उतारा जाना है या डिटेंशन कैम्पों में रखा जाना है'. अमेरिका का कहना है कि रूस उसका विरोध करने वालों को निशाना बनाएगा. जिसमें  यूक्रेन में रह रहे रूसी और बेलारूसी असंतुष्ट, पत्रकार,भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता, अल्पसंख्यक और LGBTQI+ समुदाय शामिल हैं.

युद्ध टालने के प्रयासों पर पानी

पत्र व्यापक रूप से मानवाधिकारों के उल्लंघन और हनन के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अन्यायपूर्ण बल प्रयोग की चेतावनी देता है. गौरतलब है कि रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दो प्रांतों को अलग देश के रूप में मान्यता देने के बाद सारे समीकरण उलट गए हैं. इससे पहले, माना जा रहा था कि फ्रांस के राष्ट्रपति के प्रयासों के चलते युद्ध का खतरा कम हो गया है, लेकिन अब युद्ध लगभग तय समझा जा रहा है.

 

Trending news