दुनिया की सबसे क्रूर मछली जो चूस लेती है खून, दुनिया कहती है ‘समुद्री वैम्पायर’; सुखा देती है शरीर
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दुनिया की सबसे क्रूर मछली जो चूस लेती है खून, दुनिया कहती है ‘समुद्री वैम्पायर’; सुखा देती है शरीर

Blood sucking fish: समुद्र के भीतर भी धरती की तरह कई ऐसे जीव मौजूद है जिनके बारे में जानकर इंसान हैरान रह जाते हैं. इस सिलसिले में  अब आपको जिस दुर्लभ मछली के बारे में बताने जा रहे हैं वो 6 साल बाद देखने को मिली है. इसे 'समुद्र वैम्पायर' कह सकते हैं क्योंकि इसका काम खून चूसना है.

दुनिया की सबसे क्रूर मछली जो चूस लेती है खून, दुनिया कहती है ‘समुद्री वैम्पायर’; सुखा देती है शरीर

Rare blood sucking fish found in Netherlands: समुद्र की अनंत गहराईयों में कई ऐसे राज छिपे हैं. जो किसी प्राकतिक आपदा जैसे तूफान या सुनामी में दुनिया के सामने आ जाते हैं. बीते दिनों नीदरलैंड में एक ऐसी दुर्लभ मछली अचानक देखने को मिली तो इसकी फोटो खींचने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस मछली को दुनिया की सबसे खतनाक मछली कहा जाता है क्योंकि ये खून चूस लेती है. यहां इसका जिक्र इसलिए क्योंकि इससे पहले ये 6 साल पहले दिखी थी, और तब से ऐसी लापता हुई कि उसे अब देखा गया. यह मांसाहारी परजीवी तेज दांतों के छल्लों से अपने शिकार की जिंदगी को खत्म कर देती है. 

लैम्प्रे: द वैम्पायर फिश 

यूके की न्यूज़ वेबसाइट 'मेट्रो' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस रेयर और खून की प्यासी इस मछली के बारे में दुनिया को तब पता चला जब एक समुद्री जीवविज्ञानी, नीदरलैंड में एक समुद्र तट के किनारे टहल रहे थे. एक खूबसूरत डच आइलैंड पर चलहकदमी कर रहे साइंटिस्ट की नजर जब बीच पर आराम फरमा रही रेयर ऑफ द रेयरेस्ट यानी दुर्लभतम सी लैम्प्रे फिश पर पड़ी, तो पहले पहल उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि ये दुनिया की सबसे खतरनाक और दुर्लभ वैंपायर फिश है. इस जीव विज्ञानी ने बताया कि ये बिना जबड़े वाली मछली हैं, जिसके दांत बेहद खतरनाक है. ये दिखने में ईल जैसी होती हैं. लेकिन इनके मुंह के अंदर डिस्क जैसी आकृति भरी रहती है.

कहलाती है मायावी मछली

अपने शिकार का खून चूसने और पीने के लिए जानी जाने वाली सीम लैम्प्रे को मायावी माना जाता है क्योंकि इसे आखिरी बार 2017 में द्वीप पर देखा गया था. तब इसे एक अन्य जीव के मुंह में देखा गया था. लेकिन इसके बाद ये कभी नजर नहीं आई. खून चूसने वाली इस परजीवी को दूसरे जानवर के मुंह में ही देखा जाता था. विशेषज्ञों के मुताबिक तीन फुट लंबी यह मछली अविश्वसनीय रूप से पुरानी है. ये कशेरुकियों के सबसे पुराने समूह, अग्नाथा से संबंधित हैं, जो 400 मिलियन साल पहले अस्तित्व में थे, जब जबड़े वाली मछलियां इससे भी बड़े आकार में होती थीं. इस मछली को बाद में एक नेचर म्यूजियम को सौंप दिया गया.

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